कश्मीरी युवा हमारे बच्चे है मगर गुमराह हो गए: शीर्ष सैन्य अधिकारी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 19, 2018

पुणे। सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि आतंकवाद का रास्ता अपनाने वाले कश्मीरी युवा हमारे बच्चे है लेकिन गुमराह हो गए हैं तथा सरकार की ओर से रमजान के दौरान अभियान पर रोक की घोषणा का निर्णय उनके लिए मुख्यधारा में आने का एक मौका है। चीफ आफ इंटेग्रेटेड डिफेंस स्टाफ टू द चेयरमैन चीफ्स आफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ युवा आतंकवाद में शामिल हुए हैं लेकिन सरकार ने अब रमजान के पवित्र महीने के दौरान अभियान रोकने की एकतरफा घोषणा की है।’

केंद्र सरकार ने गत 16 मई को घोषणा की थी कि सुरक्षा बल रमजान के दौरान कोई अभियान शुरू नहीं करेंगे लेकिन हमला होने की स्थिति में जवाबी कार्रवाई करने का उनका अधिकार सुरक्षित रहेगा। लेफ्टिनेंट जनरल दुआ ने ‘मिलिट्री इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी’ (एमआईएलआईटी) में एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से कहा, ‘ये युवा (आतंकवादी) हमारे बच्चे हैं लेकिन वे गुमराह हैं। हमें इस एक महीने के दौरान सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है।’

लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ इससे पहले श्रीनगर स्थित 15 कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग थे और उन पर कश्मीर घाटी एवं नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। अभियान रोके जाने की अवधि के दौरान आतंकी गतिविधियों के बारे में पूछे गए एक सवाल पर लेफ्टिनेंट जनरल दुआ ने कहा कि ऐसी स्थिति में जिसमें आतंकवादी सुरक्षा बलों पर गोलियां चलायें , सुरक्षा बलों को आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार है।

 

सेना के तीनों अंगों के बीच समन्वय के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि गत कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री ने बलों के समन्वय पर काफी बल दिया है और इसलिए रक्षा मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है। ‘ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ’ पर उन्होंने कहा कि यह एक नया विषय है और डीआरडीओ पहले ही कुछ कर रहा है।

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