तिरुवनंतपुरम। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार को साफ किया कि वह कोई रबड़ स्टांप नहीं है। पिछले कुछ दिनों से विभिन्न मुद्दों पर राज्यपाल और वाम सरकार के बीच गतिरोध कायम है। खान की यह टिप्पणी ऐसे दिन आयी है जब मीडिया के एक हिस्से में कहा गया है कि उन्होंने स्थानीय स्वशासन वार्ड पुनर्गठन संबंधी अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से कथित तौर पर इनकार कर दिया है। अध्यादेश को हाल ही में कैबिनेट से मंजूरी मिली थी।
उन्होंने हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा, मुझे अपना दिमाग लगाना है। मुझे समय लगेगा। वह फाइल मेरे पास है। मुझे यह तय करने में कुछ समय लगेगा कि इस बारे में मैं क्या करूं।’’ खान ने स्थानीय स्वशासन में निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या बढ़ाने के लिए केरल पंचायत राज कानून 1994 में संशोधन संबंधी अध्यादेश पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। खान ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने केवल कुछ प्रश्न (अध्यादेश के संबंध में) किए थे और संविधान को उनसे अपेक्षा है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए अपना दिमाग लगाएं कि अध्यादेश की प्रक्रिया का उपयोग कुछ बाहरी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाए।
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उन्होंने कहा, मैं संतुष्ट होना चाहता हूं। मैं बहस नहीं करना चाहता। मैंने कुछ प्रश्न उठाए हैं...आप इन चीजों को किस्तों में नहीं कर सकते।’’ उन्होंने कहा, मैं खुद को कानून के तहत मानता हूं और कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। कानून का सम्मान करना होगा, लागू करना होगा और स्पष्ट रूप से मैं कोई रबड़ स्टांप नहीं हूं।