By अभिनय आकाश | Apr 10, 2021
पश्चिम बंगाल में चौथे चरण का मतदान चल रहा है। इस बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलपाईगुड़ी पहुंचे। इस दौरान एक तस्वीर खूब चर्चा में रही गले लगाते पीएम मोदी के साथ खड़े करीमुल हक की। दोनों ने एयरपोर्ट पर बड़ी गर्मजोशी से एक दूसरे के गले मिले। ऐसे में आज हम आपको बंगाल के करीमुल हक की कहानी सुनाते हैं जिन्हें लोग एंबुलेंस दादा के नाम से भी पुकारते हैं।
बंगाल के करीमुल हक कई सालों से लोगों की मदद कर रहे हैं। जरूरत के वक्त में वे अपनी बाइक एंबुलेंस पर लोगों हॉस्पटिल पहुंचाते हैं। करीमुल हक पश्चिम बंगाल के मलबाजार के रहने वाले हैं। वहां के चाय बागानों में काम करते हैं। एक दिन उनकी मां को हार्ट अटैक आ गया। यहां से करीमुल हक की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। चारो तरफ एंबुलेंस खोजी पर कुछ न हो सका। समय पर उनकी मां अस्पताल नहीं पहुंच पाई जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद करीमुल हक ने फैसला लिया कोई भी किसी अपने को एंबुलेंस न मिलने की वजह से नहीं खोएगा। तब से 20 गांवों में अपनी मोटरसाइकिल के जरिये लोगों को हॉस्पिटल पहुंचा रहे हैं। ऐसे गांव जहां दूर-दूर तक पक्की सड़क नहीं है। जिसकी वजह से उन्हें एंबुलेंस दादा भी कहा जाता है।
4000 लोगों की बचा चुके हैं जान
करीमुल हक अपनी बाइक एंबुलेंस से अब तक करीब 4 हजार लोगों की जान बचा चुके हैं। पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित करीमुल हक की सैकड़ों लोगों को प्रेरित करने वाली कहानी पर किताब बाइक एम्बुलेंस दादा, द इंस्पायरिंग स्टोरी ऑफ करीमुल हक: द मैन हू सेव्ड 4000 लाइव्स भी छप चुकी है।