क्रेमलिन ने पनडुब्बी पर आग लगने का ब्योरा को किया ''राज्य गुप्त'' घोषित

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 04, 2019

मॉस्को। क्रेमलिन ने कथित रूप से परमाणु संचालित लघु पनडुब्बी पर आग लगने से हुई 14 अधिकारियों की मौत से जुड़ी घटना का पूरा ब्योरा देने से इनकार कर दिया और कहा कि इस त्रासदी का विवरण सरकारी गुप्त सूचना के तहत आता है। बारेंट्स सागर में रूस की समुद्री सीमा में सोमवार को एक पनडुब्बी पर आग लगने के बाद नाविकों की धुंए से दम घुटने से मौत हो गयी थी लेकिन रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को इस त्रासदी को उजागर किया था।

इसे भी पढ़ें: पनडुब्बी आग हादसा एक ‘‘बड़ा नुकसान’’: व्लादिमीर पुतिन

सुदूर उत्तर की इस त्रासदी से 2000 में बारेंट्स सागर में ही कुर्स्क पनडुब्बी के डूबने की घटना की यादें ताजा हो जाती है। कुर्स्क पनडुब्बी के डूबने से 118 लोगों की मौत हो गयी थी । यह घटना ब्लादिमीर पुतिन के पहले राष्ट्रपति कार्यकाल में हुई थी। अधिकारियों ने यह कहते हुए थोड़ी सी जानकारी जारी की है कि अनुसंधान पनडुब्बी नौसेना के हित में समुद्री तल का अध्ययन कर रही थी। लेकिन रूसी मीडिया ने खबर दी है कि यह पोत गुप्त परमाणु संचालित लघु पनडुब्बी था।

इसे भी पढ़ें: रूसी पनडुब्बी में आग के बाद फैला जहरीला धुआं, 14 नाविकों की मौत

क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि इस सूचना को पूरी तरह सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। उसका संबंध राष्ट्रीय गोपनीयता से है। पेस्कोव ने कहा कि राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को तत्काल इसकी जानकारी दे दी गयी थी। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल सामान्य बात है कि इस प्रकार की सूचना सार्वजनिक नहीं की जाती है। यह रूसी संघ के कानून के दायरे है। नोवाया गजेटा अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया कि एएस-12 परमाणु लघु पनडुब्बी पर यह हादसा हुआ। यह पनडुब्बी समुद्र में अति गहराई में जाने में समर्थ थी। सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि उस पर कई वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी से पता चलता है कि वह कोई साधारण यात्रा पर नहीं थी। 

प्रमुख खबरें

बिहार की पांच लोकसभा सीट पर सुबह 11 बजे तक 24.41 प्रतिशत मतदान

MS Dhoni की पैर की मांसपेशियां फट चुकीं, फिर भी CSK के खेल रहे है IPL

सभी दल मुस्लिम वोट तो चाहते हैं, लेकिन वे समुदाय से कोई प्रत्याशी नहीं तलाश पाए : Asaduddin Owaisi

लालू के बयान पर योगी का पलटवार, बोले- धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे बीआर अंबेडकर