By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 13, 2021
नयी दिल्ली| कांग्रेस ने निजी क्षेत्र से 31 लोगों को केंद्र सरकार के कई विभागों में ‘लैटरल एंट्री’ के जरिये महत्वपूर्ण पद दिये जाने को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस फैसले को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
पार्टी के अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख नितिन राउत ने आरोप लगाया कि यह कदम भाजपा और आरएसएस के उस मंसूबे का हिस्सा है, जिसके तहत वे वंचित तबकों के अधिकार छीनना चाहते हैं और भेदभाव को बढ़ावा देना चाहते हैं।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हम नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से व्यवस्थागत नियंत्रण करने और कमजोर वर्गों के लोगों से अवसर एवं अधिकार छीनने के कदम की निंदा करते हैं। हम लैटरल एंट्री से भर्ती के पूरी तरह खिलाफ हैं।’’ राउत ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि मोदी सरकार इस फैसले को वापस ले।’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इन 31 लोगों की भर्ती कोई इकलौता मामला नहीं है। इसे लोगों के अधिकार छीनने की तरकीब के तौर पर देखा जाना चाहिए। गत आठ अक्टूबर को केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र के 31 लोगों को समूह ए की सेवा में नियुक्त किया। इनमें से तीन लोगों को संयुक्त सचिव, 19 लोगों को निदेशक और नौ को उप सचिव बनाया गया है।