By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 12, 2018
नयी दिल्ली। राम मंदिर, राफेल विमान सौदे, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग और तमिलनाडु में कावेरी डेल्टा के किसानों के मुद्दों को लेकर बुधवार को लोकसभा में शिवसेना, कांग्रेस, तेलुगूदेशम पार्टी और अन्नाद्रमुक के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। मौजूदा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस, शिवसेना और अन्नाद्रमुक के सदस्य अपने अपने मुद्दों को लेकर आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
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कांग्रेस के सदस्य राफेल सौदे में घोटाले का आरोप लगाते हुए इसकी जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग कर रहे थे। वहीं शिवसेना के सदस्य राममंदिर के मुद्दे पर नारेबाजी कर रहे थे। अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी नदी पर बांध के निर्माण का विरोध कर रहे थे। तेदेपा के सदस्य भी आसन के पास आ गये और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की अपनी पुरानी मांग दोहराने लगे।
हंगामे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हाल ही में उपग्रहों के प्रक्षेपण पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने सदन की ओर से राज्यसभा सदस्य और मुक्केबाज एम सी मैरीकॉम को हाल ही में विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीतने पर भी बधाई दी। शोर-शराबे के बीच ही स्पीकर ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही सरकार ने बांध सुरक्षा विधेयक, 2018 को भी सदन में रखा।
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इसके बाद हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष महाजन ने सदन की बैठक को दोपहर करीब 12:15 बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर कर्नाटक के बेल्लारी और मांड्या से नवनिर्वाचित सदस्यों क्रमश: वी एस उगरप्पा एवं एल आर शिवराम गौड़ा को शपथ दिलाई गयी। इसके बाद सदन ने उन 11 पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जिनका हाल ही में निधन हुआ है।
लोकसभा अध्यक्ष महाजन ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया तभी कांग्रेस, शिवसेना और अन्नाद्रमुक के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए। प्रश्नकाल के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूद थे। विभिन्न दलों के सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी कर रहे थे। हंगामा नहीं थमने पर महाजन ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन की कार्यवाही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार तथा सदन के तीन अन्य सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।