कश्मीर पर विवादित बयान देने वाले मलेशिया के पूर्व PM दुनिया के 20 खतरनाक चरमपंथियों की सूची में शामिल

By अभिनय आकाश | Jan 13, 2021

मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद को खतरनाक कट्टरपंथियों की सूची में शामिल किया गया है। अमेरिका की वेबसाइट द काउंटर एक्स्ट्रेमिजम प्रोजेक्ट (सीईपी) ने मातिर मोहम्मद को टाॅप 20 कट्टरपंथियों की सूची में शामिल किया है। क्या है पूरा मामला विस्तार से जानते हैं।

अमेरिका की संस्था सीईपी ने दुनिया की टाॅप 20 कट्टरपंथियों की सूची में महातिर मोहम्मद को 14वें नंबर पर रखा है। इस सूची में फिलिस्तीन समूह के महासचिव हिज्जबुल्ला और हसन नसरुल्ला भी शामिल हैं। इसके अलावा आतंकी संगठन आईएसआईएस के प्रमुख को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है। गौरतलब है कि सीईपी हर साल कट्टरपंथियों विचारों को मानने वाले लोगों की सूची बनाती है। इस लिस्ट में शामिल लोगों को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा माना जाता है। पश्चिम देशों के आलोचक और विरोधी होने के लिए नामिच होने पर महातिर मोहम्मद ने मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने कड़ा विरोध दर्ज किया है। महातिर मोहम्मद ने ट्वीट किया कि मुझे एक अमेरिकी वेबसाइट ने दुनिया के 20 कट्टरपंथियों में शामिल किया है। वेबसाइट ने मुझे पश्चिम एलजीबीटी और यहूदियों की आलोचना करे वाली शख्सियत करार दिया है। महातिर ने कहा कि मैंने इस्लाम को लेकर जो भी कहा उसे वेबसाइट ने आधे-अधूरे और तोड़-मरोड़कर कुछ इस ढंग से प्रस्तुत किया कि मैं आतंकवाद की वकालत करता हूं। 

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कौन हैं महातिर मोहम्मद

महातिर मोहम्मद मलेशिया के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने पिछले वर्ष फरवरी के महीने में अपने पद से इस्तीफा दिया। 95 वर्षीय मोहम्मद सबसे उम्रदराज प्रधानमंत्री के तौर पर भी जाने जाते थे। वे 1981 से 2003 तक लगातार मलेशिया के प्रधानमंत्री रहे। ये वही महातिर मोहम्मद हैं जिन्होंने फ्रांस में हुए आतंकी हमले को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। महातिर मोहम्मद भारत के खिलाफ भी खासे आक्रमक रहे हैं। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और एनआरसी, सीएए पर भारत की कड़ी आलोचना की थी। महातिर ने कहा था कि भारत ने कश्मीर पर हमला कर उसे अपने कब्जे में रखा है। इसके बाद भारत ने मलेशिया से पाम तेल के आयात पर लगभग पाबंदी लगा दी थी। अपने कार्यकाल के दौरान तुर्की और पाकिस्तान को साथ मिलाकर मुस्लिम देशों का अलग गुट बनाने का प्रयास किया था। हालांकि सऊदी अरब के दबाव के बाद इमरान खान ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे। 

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