By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 27, 2019
यरुशलम। महात्मा गांधी के 80 साल पुराने द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरुआत के दिन लिखे एक पत्र को पहली बार इजराइल के राष्ट्रीय पुस्तकालय ने प्रदर्शित किया। इस पत्र में महात्मा गांधी ने पीड़ित लोगों (यहूदियों) के लिये ‘‘शांति के युग’’ की कामना की है। गांधी ने बॉम्बे जियोनिस्ट एसोसिएशन (बीजेडए) के प्रमुख ए ई शोहेत को पत्र लिखा था। शोहेत यहूदी लोगों के लिये एक राष्ट्र की स्थापना के अपने आंदोलन के लिये भारतीय नेताओं से समर्थन मांगने का प्रयास कर रहे थे।
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रोश हशाना (यहूदी नववर्ष) के मौके पर लिखा यह पत्र एक सितंबर, 1939 को लिखा गया था और इसी दिन द्वितीय विश्वयुद्ध आरंभ हुआ था जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला किया था। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ इजराइल (एनएलआई) में संचार प्रभारी जैक रोथबार्ट ने कहा कि यह समय उस दौर को दर्शाता है जब वैश्विक नागरिकता के लिये यहूदियों का नाजी उत्पीड़न किस हद तक चिंताजनक था। दरअसल यह आने वाले दहशत के माहौल का सूचक था।
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लीयर फाउंडेशन के सहयोग से एनएलआई ने 20वीं सदी की सर्वाधिक प्रमुख कई सांस्कृतिक हस्तियों के निजी पत्र, तस्वीरों और दस्तावेजों समेत अपने अभिलेख संग्रहों में लाखों वस्तुओं की समीक्षा तथा उनकी व्याख्या की एक प्रमुख पहल के तहत गांधी के पत्र को प्रदर्शित किया है। पहली बार एलएलआई ने इस पत्र को ऑनलाइन प्रदर्शित किया। पत्र में लिखा है कि प्रिय शोहेत, आपके नववर्ष के लिये मेरी शुभकानाएं। मैं कामना करता हूं कि यह नववर्ष आपके समुदाय के उन पीड़ित लोगों के लिये शांति का युग बनकर आये। आपका शुभेच्छु एम के गांधी।