By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 09, 2025
मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने बुधवार को वैश्विक व्यापार को हथियार बनाए जाने को लेकर आगाह किया है। दक्षिण पूर्व एशिया के विदेश मंत्रियों ने अमेरिकी व्यापार शुल्क के बढ़ते खतरे के बीच अपनी वार्षिक बैठक की शुरुआत की। अमेरिकी शुल्क के खतरे ने दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) को झकझोर दिया है।
10 देश इस संगठन का हिस्सा हैं जिनमें से छह देश उन 14 देशों में शामिल हैं, जिनपर अमेरिका का निर्यात शुल्क एक अगस्त से काफी बढ़ सकता है। दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों की बैठक की शुरुआत करते हुए अनवर ने कहा कि दुनिया अब एक ऐसे युग का गवाह बन रही है जहां, ‘‘ शक्ति, सिद्धांत को अस्थिर कर देती है’’और ‘‘ जिन चीजों का इस्तेमाल कभी विकास के लिए किया जाता था अब उनका इस्तेमाल दबाव बनाने, अलग-थलग करने और नियंत्रित करने के लिए किया जा रहा है।’’
अमेरिका का नाम लिए बिना उन्होंने आसियान से व्यापार संबंधी खतरों से निपटने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी एकजुटता सिर्फ घोषणाओं तक सीमित नहीं रहनी चाहिए।’’ अनवर ने सदस्य देशों से आसियान के भीतर व्यापार बढ़ाने, क्षेत्रीय एकीकरण में निवेश करने एवं बाह्य शक्तियों पर रणनीतिक निर्भरता कम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘ यह कोई गुजरता हुआ तूफान नहीं है। यह हमारे लिए एक तरह का नया मौसम (परिवेश) है।’’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार अप्रैल में शुल्क की घोषणा की थी, लेकिन फिर समझौते करने के लिए इन्हें 90 दिन के लिए टाल दिया। मंगलवार को उन्होंने 14 देशों पर 25 से 40 प्रतिशत की दर से नए शुल्क की घोषणा की, जो एक अगस्त से लागू होंगे। बशर्ते नए समझौते न हों। ट्रंप ने साथ ही धमकी दी कि अगर कोई देश जवाबी कार्रवाई करता है तो वे शुल्क बढ़ा देंगे। आसियान सदस्यों ने अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ता शुरू की है। हालांकि अधिकारियों ने बताया कि वे एक साझा रुख अपनाने के लिए इस वर्ष के अंत में आसियान-अमेरिका शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।
वियतनाम ही अब तक केवल ऐसा समझौता कर पाया है जिसके तहत उसके शुल्क 46 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत हो गए हैं। वहीं थाईलैंड तथा कंबोडिया पर 36 प्रतिशत, इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत, मलेशिया पर 25 प्रतिशत और लाओस तथा युद्धग्रस्त म्यांमा पर 40 प्रतिशत शुल्क लगने का खतरा है। व्यापार घाटे के अलावा, इस समूह को बढ़ती आंतरिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। म्यांमा में जारी गृहयुद्ध और थाईलैंड तथा कंबोडिया के बीच सीमा विवाद भी एजेंडे में हैं। आसियान में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई दारुस्सलाम, वियतनाम, लाओस, म्यांमा तथा कंबोडिया शामिल है।