By अजय कुमार | Oct 06, 2021
अयोध्या में सरकार से मिली 5 एकड़ जमीन पर धन्नीपुर मजिस्द बननी है। मगर चार माह से उसका नक्शा पास हो नही पाया हैं प्लान का नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) में अप्रूवल के लिए करीब 4 माह से पड़ा है, जिसको स्वीकृत नहीं किया गया है। प्राधिकरण के अधिकारी करीब 15 विभागों से एनओसी की मांग कर रहे हैं। मजिस्द का निर्माण करने वाले ट्रस्ट आईआईसीएफ के सचिव अतहर हुसैन के मुताबिक प्लान का काम नक्शा अप्रूवल में देरी के चलते शुरू हो नहीं पा रहा है। यह तक है जबकि राम मंदिर का नक्शा ऑफलाइन जमा करवाकर एक ही दिन में अप्रूवल कर दिया गया था। उसी के हिसाब से मजिस्द प्लान के नक्शे के अप्रूवल के लिए डॉक्यूमेंट लगाए गए थे, लेकिन एडीए ने ऑफलाइन आवेदन का निर्देश दिया, जिससे कई दिक्कतें पैदा हो गईं।
अब प्राधिकरण ने करीब 50 पेज के नक्शे को डिजाइन के साथ एनओसी लगाने की जगह आर्किटेक्ट से शपथपत्र के साथ जमा करने की छूट दी है, जिसमें आर्किटेक्ट एस एम अख्तर को एनओसी वाले विभागों के नियमों की अवहेलना न करने का शपथपत्र देना होगा। नक्शे की कॉपी मजिस्द प्रॉजेक्ट के आर्किटेक्ट एस एम अख्तर के पास भेजी गई है, जो इसी सप्ताह दिल्ली से शपथपत्र की खानापूरी के साथ वापस आ जाएगी। अतहर हुसैन एडीए ने कहा हमें उम्मीद कि एडीए से इसके बाद नक्शा पास करवाने में देरी नहीं होगी।अतहर हुसैन केे मुताबिक, जहां मजिस्द का निर्माण प्रस्तावित है, उस स्थल की जमीन की साइट टेस्टिंग हो चुकी है। इसके मुताबिक मजिस्द निर्माण के लिए जमीन पूरी तरह से उपयुक्त है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में प्रदेश सरकार ने मजिस्द निर्माण के लिए अयोध्या के सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में 5 एकड़ जमीन का आंवटन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के नाम किया था, जिस पर वक्फ बोर्ड ने इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट बनाकर मजिस्द के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी है।