By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 19, 2025
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बीच रुपया शुक्रवार को 54 पैसे मजबूत होकर 89.66 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि घरेलू शेयर बाजारों में सकारात्मक रुझान और ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों के 59 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के आसपास बने रहने से घरेलू मुद्रा को निचले स्तर पर समर्थन मिला।
उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये में हाल के हफ्तों में लगातार रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने के बाद यह तेजी संभवतः भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप के कारण आई है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.19 पर खुला। दिन में यह 89.25 प्रति डॉलर के उच्च स्तर तक पहुंचा जो पिछले बंद भाव से 95 पैसे अधिक है। अंत में यह 89.66 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से 54 पैसे की बढ़त दर्शाता है।
रुपया बृहस्पतिवार को 18 पैसे मजबूत होकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.20 पर बंद हुआ था। मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘ कंपनियों की ओर से डॉलर के प्रवाह और कच्चे तेल की गिरती कीमतों के कारण शुक्रवार को भारतीय रुपया लगातार तीसरे सत्र में मजबूत हुआ। घरेलू बाजारों में मजबूती ने भी रुपये को समर्थन दिया।’’
चौधरी ने कहा कि विदेशी निवेशकों के बिकवाली दबाव और भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में देरी से उत्पन्न घबराहट के कारण रुपये में गिरावट का रुख रहने के आसार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि, अमेरिकी डॉलर सूचकांक और कच्चे तेल की कीमतों में समग्र कमजोरी रुपये को निचले स्तर पर सहारा दे सकती है।
अमेरिकी डॉलर-भारतीय रुपये का हाजिर भाव 89.90 से 90.50 के बीच रहने का अनुमान है।’’ इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 98.66 पर रहा।
घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 447.55 अंक चढ़कर 84,929.36 अंक पर जबकि निफ्टी 150.85 अंक टूटकर 25,966.40 अंक पर बंद हुआ। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59.60 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बृहस्पतिवार को लिवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 595.78 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।