By संतोष उत्सुक | Oct 13, 2020
जब यह समझ न आ रहा हो कि आने वाला कल कैसे बेहतर बना सकते हैं, क्या दिक्कतें, कौन से अदृश्य और असंभावित खतरे हैं तो इस सन्दर्भ में बैठक कर प्रस्ताव पास करना चाहिए। बैठक, सांस्कृतिक शैली में आयोजित होनी चाहिए ताकि सचमुच प्रशंसनीय बातचीत हो और सही रंग रूप में सार्थक भी साबित हो। महत्वपूर्ण बैठक के लिए बढ़िया जगह चुनना ज़रूरी है जैसे ऐसा रेस्तरां जहां आरामदेह गाड़ियों की पार्किंग के लिए समुचित व्यवस्था रहे। जगह भीड़भाड़ से दूर हो तो चिंतन सहज हो पाएगा जिसके अडोस पड़ोस को सुरुचिपूर्ण महंगी कलात्मक वस्तुओं, प्रभावोत्पादक प्रकाश व्यवस्था, कुदरती या प्लास्टिक आकर्षक फूल पौधों से सजाया जाना बहुत ज़रूरी है। बहता संगीत, बेहद आरामदायक सोफे उपलब्ध रहें। बैठक के दौरान और संपन्न होने पर स्वादिष्ट खान पान की उच्च स्तरीय व्यवस्था होनी सबसे लाज़मी है।
बातचीत सौहार्दपूर्ण, गैर राजनीतिक माहौल में होनी चाहिए। हमारी संस्कृति में हल्के-फुल्के वातावरण में गंभीर बात करते हुए अडिग निर्णय लेने की रिवायत रही है तभी हर प्रकार का अनुशासन ईमानदारी से लागू हो पाता है, यह जारी रहना चाहिए। बैठक के समापन पर सावधान खड़े होकर, लिखकर पढ़ा जाने वाला ज़ोरदार संकल्प अवश्य लिया जाना चाहिए। आयोजन की प्रेस रिलीज़ अग्रिम बनाकर रखनी चाहिए ताकि समाचार पत्रों व अन्य माध्यमों को भेजने में विलम्ब न हो। समझदार लोगों ने बैठक की योजना बनाई। सबसे पहले यह चर्चा हुई कि नए व सही प्रस्ताव का आइडिया कौन दे सकता है। क्या पढ़ा लिखा, महंगी कुर्सी पर बैठने वाला ऐसा कर सकता है। बदला जा चुका माहौल नए अंदाज़ में प्रस्ताव पास करना सिखा देता है। सही प्रस्ताव पास करना हम एक दूसरे से भी खूब सीखते हैं। मिसाल के तौर पर गरीबी, बेरोज़गारी व महामारी का प्रभाव कम दिखे इसके लिए बैठक कर नया प्रस्ताव पकाना ज़रूरी है। इसी तरह हम हर साल, नए कोण से प्रस्ताव पास कर देश का हरित क्षेत्र बढ़ा देते हैं।
मान लीजिए एक प्रस्ताव में कुछ गलत पास हो गया तो दूसरा प्रस्ताव पास किया जा सकता है। बहुत ज्यादा गलत हो जाए तो सबसे पहले खुद को माफ़ करने का प्रस्ताव पास कर सकते हैं, उसी प्रस्ताव में भविष्य की संभावित गलतियां भी शामिल की जा सकती हैं। किसी भी रोग के लक्षण बदले जा सकते हैं, ठीक उसी तरह जैसे किसी बड़े मुंह से निकली छोटी बात का छोटा प्रभाव पड़ने पर, बड़ा मुंह नया प्रस्ताव पारित कर देता है यह कहकर कि हमारी ज़बान के कहने का मतलब बहुत विशाल था। नया प्रस्ताव पास करने से पहले पुराने फेल किए प्रशंसनीय प्रस्तावों से भी प्रेरणा ली जा सकती है। बैठक का आयोजन दूसरों को भी प्रेरित कर सकता है। आने वाले बेहतर कल के लिए ही नहीं भूतकाल संवारने के लिए भी सफल बैठक आवश्यक है।
- संतोष उत्सुक