By अंकित सिंह | Feb 20, 2025
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने भाषा विवाद के बीच समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत तत्काल 2,152 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की। स्टालिन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उस टिप्पणी पर गहरी चिंता व्यक्त की, जिसमें सुझाव दिया गया था कि जब तक तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू नहीं करता, तब तक धनराशि जारी नहीं की जाएगी।
स्टालिन ने अपने पत्र में कहा कि इससे हमारे राज्य में छात्रों, राजनीतिक दलों और आम जनता के बीच अत्यधिक चिंता और अशांति पैदा हुई है। उन्होंने दो-भाषा नीति के प्रति तमिलनाडु की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता दोहराई और इस बात पर जोर दिया कि यह राज्य की शैक्षिक और सामाजिक संरचना में गहराई से निहित है। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि तमिलनाडु ने पहले ही एनईपी 2020 के कई प्रावधानों पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
उन्होंने कहा कि इन चिंताओं को औपचारिक रूप से मेरे पत्र दिनांक 27 अगस्त 2024 में सूचित किया गया था, और एक विस्तृत ज्ञापन व्यक्तिगत रूप से 27 सितंबर 2024 को आपको सौंपा गया था। हालांकि, इन कई अभ्यावेदन के बावजूद, 2024-2025 के लिए समग्र शिक्षा निधि जारी नहीं की गई है। स्टालिन ने एसएसए फंड को एनईपी और पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम एसएचआरआई) पहल के कार्यान्वयन के साथ जोड़ने का कड़ा विरोध किया और इसे "मौलिक रूप से अस्वीकार्य" बताया। उन्होंने तमिलनाडु को केंद्रीय रूप से अनिवार्य कार्यक्रमों को अपनाने के लिए मजबूर करने के लिए कथित तौर पर धन रोकने को "दबाव की रणनीति" के रूप में इस्तेमाल करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और तर्क दिया कि यह सहकारी संघवाद का सीधा उल्लंघन है।