By एकता | Mar 20, 2024
रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम लोग रोजा रखते हैं, जो उनके धार्मिक आदर्शों और आत्मा की शुद्धि की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। रोजा मुस्लिमों के धार्मिक संबंधों को मजबूत करता है और उन्हें अल्लाह के साथ और करीब लाता है। रोजा सुबह सहरी खाने के बाद शुरू होता है और सूर्यास्त के बाद इफ्तार के साथ समाप्त होता है। इफ्तार के समय मुसलमान पारंपरिक रूप से खजूर का सेवन कर अपना रोजा तोड़ते हैं। लेकिन क्यों? चलिए आपको बताते हैं मुस्लिम लोग रोजा तोड़ने के लिए क्यों खजूर का इस्तेमाल करते हैं।
रमजान में खजूर खाने का विशेष महत्व है। इससे रोज़ा खोलने को सुन्नत माना जाता है, जो पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं के अनुरूप है। ऐसा माना जाता है कि पैगंबर मुहम्मद को खजूर बहुत पसंद था। ये उनका पसंदीदा फल था। वह खजूर खाकर ही अपना रोजा तोड़ते थे। इसलिए मुसलमान भी खजूर खाकर अपना रोजा तोड़ने की शुरुआत करते हैं और इसके बाद परिवार के साथ इफ्तार का आनंद लेते हैं।
वैज्ञानिक रूप से भी, खजूर रोजा तोड़ने के लिए एक अच्छा विकल्प है। खजूर में विटामिन, खनिज, और फाइबर होते हैं, जो शरीर के लिए गुणकारी होते हैं और रोजा तोड़ने के बाद शरीर को ताजगी प्रदान करते हैं। खजूर में शुगर का स्तर भी ऊंचा होता है, जो रोजा तोड़ने के बाद शरीर की ऊर्जा को तुरंत बढ़ाने में मदद करता है।
रमजान में खजूर खाने की परंपरागत प्रथा का धार्मिक महत्व है, जो इन्सान को उसके आत्मा के साथ जोड़ता है और वैज्ञानिक रूप से भी खजूर रोजा तोड़ने के लिए एक पोषक विकल्प है जो शरीर के लिए लाभकारी होता है।