Nathuram Godse Birth Anniversary: महात्मा गांधी की हत्या कर खुद पर गर्व करते थे नाथूराम गोडसे, जानिए रोचक बातें

By अनन्या मिश्रा | May 19, 2024

महात्मा गांधी के हत्यारे का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले नाथूराम गोडसे का नाम आता है। गोडसे ने गांधी की हत्या करने के बाद उन्हें हिंदुओं की बर्बादी का कारण बताया था। बता दें कि आज ही के दिन यानी की 19 मई को नाथूराम गोडसे का जन्म हुआ था। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर नाथूराम गोडसे के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...


जन्म और शिक्षा

पुणे के बारामती में 19 मई 1910 को नाथूराम गोडसे का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम नायक वामनराव गोडसे और माता का नाम लक्ष्मी था। बता दें कि नाथूराम गोडसे के परिवार में लड़कियां बच जाती थीं, लेकिन लड़के जन्म के बाद मर जाते थे। ऐसे में जब नाथूराम गोडसे का जन्म हुआ तो इनके माता-पिता ने इनका पालन-पोषण लड़कियों की तरह किया। क्योंकि इससे पहले 3 लड़कों की बचपन में ही मृत्यु हो चुकी थी। इसी वजह से नाथूराम गोडसे को 12 साल की उम्र तक फ्रॉक पहनाई गई और नाक छिदवाई गई।

इसे भी पढ़ें: Neelam Sanjeev Reddy Birth Anniversary: आंध्र प्रदेश के पहले सीएम और देश के छठे राष्ट्रपति थे नीलम संजीव रेड्डी

रामचंद्र से नाथूराम

नाथूराम गोडसे का असली नाम रामचंद्र था। लेकिन लड़कियों की तरह रहने और नाक छिदवाने के कारण परिवार और दोस्त उन्हें नाथूराम कहने लगे। वहीं नाथूराम के बाद उनके भाई दत्तात्रेय का जन्म हुआ। जिस वजह से उनका परिवार यह मानने लगा था कि नाथूराम ने परिवार को श्राप से मुक्त करवाया है।


नाथूराम के पिता डाक विभाग में थे और उनकी पोस्टिंग रत्नागिरी में हुई। तो वह भी अपने पिता के साथ रत्नागिरी पहुंच गए इस दौरान महात्मा गांधी अलग-अलग राज्यों में जाकर छात्रों, महिलाओं और आम लोगों के बीच भाषण देते थे। गांधी लोगों से खादी अपनाने और कांग्रेस ज्वॉइन करने के लिए कहते थे। जिससे देश में स्वाधीनता का माहौल पैदा होने लगा था। ऐसे में गोडसे कांग्रेस के नेताओं से मिलकर रत्नागिरी में सभाओं में जाने लगा। सभाओं में गोडसे भाषण भी देने लगा।


क्यों हुई गांधी से नफरत

देश के बटवारे को लेकर नाथूराम गोडसे महात्मा गांधी से नफरत करने लगा था। वह नहीं चाहते थे कि देश को धर्म के आधार पर बाटा जाए। देश को बटते देख नाथूराम ने महात्मा गांधी के हत्या का प्लान बना लिया। इस दौरान गोडसे ने दत्तात्रेय आप्टे, मदन लाल पहवा और विष्णु करकरे के साथ मिलकर हत्या की सोची। वहीं 20 जनवरी 1948 को साजिश को अंजाम देने के लिए पहवा ने प्रार्थना सभा में विस्फोट किया। लेकिन पहवा को एक महिला ने ऐसा करते देख लिया और वह गिरफ्तार हो गए।


इसके बाद गोडसे नफरत की आग बुझाने के लिए 29 जनवरी को दिल्ली के बिड़ला भवन पहुंचे और महात्मा गांधी के सीने में तीन गोलियां उतार दीं। जिसके बाद गोडसे को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि गांधी की हत्या के लिए वह खुद पर गर्व करते हैं। जिसके बाद 15 नवंबर 1949 को नाथूराम गोडसे को फांसी दी गई।

प्रमुख खबरें

Digital Arrest : पीड़ितों को मुआवजा देने पर विचार करने के लिए हितधारकों की बैठक आयोजित करने का केंद्र को निर्देश

Punjab में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों के लिए मतगणना शुरू

Goa Nightclub Fire | दिल्ली पहुंचते ही लूथरा भाइयों के साथ हुआ बड़ा खेल! गोवा ले गयी पुलिस, कोर्ट में करेगी पेश

Maharashtra: किसान ने कर्ज चुकाने के लिए अपनी किडनी बेचने का दावा किया; चार साहूकार गिरफ्तार