वॉचमैन की नौकरी की,सीनियर के घर खाना तक बनाकर किया गुजारा;आज आलीशान घर के मालिक है नवाजुद्दीन सिद्दीकी

By निधि अविनाश | Jan 29, 2022

वॉचमैन की नौकरी कर पैसे कमाने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी आज बॉलीवुड के दमदार सितारे है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर यह सफलता हासिल की। आज हर किसी के जुबान पर एक्टर का नाम रहता है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया। कड़ी मेहनत के बाद ही आज नवाजुद्दीन सिद्दीकी का नाम पूरी दुनिया में छाया हुआ है। कई युवाओं के इंस्पिरेशन बन चुके नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने समय पर कई स्ट्रगल किया है। एक ऐसा समय भी आया जब सिद्दकी रोटी-रोटी के मोहताज हो गए थे। बता दें कि, नवाज के पिता एक किसान थे। बचपन से फिल्मों का शौक रखने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी पैसे जमा करके शहर में मूवी देखने जाते थे। इसी सपने को पूरा करने के लिए नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने मुबंई को अपना घर बनाया। 5 साल तक सपनों की नगरी मुबंई में उन्होंने काफी स्ट्रगल किया। दिखने में ज्यादा अच्छे न होने के कारण उन्होंने कई रिजेक्शन भी झेले। लेकिन कहते है न सब्र का फल मीठा होता है, नवाज को एक फिल्म में आखिर काम मिला और उन्होनें उसमें काम किया। उनकी एक्टिंग से लोग उनके फैन बन गए। 

नवाजुद्दीन सिद्दीकी का जन्म 19 मई 1974 को यूपी के मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना गांव में हुआ था। वह आठ भाई-बहनों में सबसे बड़े थे और उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन हरिद्वार की एक यूनिवर्सिटी से साइंस में की। नौकरी की तलाश में वह दिल्ली पहुंचे और वहां उन्होंने पहली बार नाटक देखा। उन्हें नाटक उतना पसंद आया कि उन्होंने फिल्मों में काम करने का मन बना लिया। इसके बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) में एडमिशन लिया और नाटक में काम किया। 

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1999 में बदली सिद्दकी की तकदीर

नवाज 1999 में मुबंई शिफ्ट हुए और वहां आमिर खान की 'सरफरोश' में छोटा सा रोल किया। यह उनकी पहली बॉलीवुड फिल्म थी। इसके बाद उन्होंने राम गोपाल वर्मा की 'शूल', साल 2000 में 'जंगल' और राजकुमार हिरानी की 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' में भी एक्टिंग की। छोटे-छोटे रोल से मन नहीं भरने के कारण नवाज ने टीवी सिरियल में हाथ आजमाया लेकिन उन्हें वहां भी कुछ हासिल नहीं हुआ। 2003 में फिर वह इरफान खान के साथ एक शॉर्ट मूवी 'द बाईपास' में दिखाई दिए। साल 2002 से लेकर 2004 तक नवाज अपने सबसे बुरे दौर से गुजरे। लेकिन कहते है न आखिर में सबकुछ सही हो जाता है। ऐसा ही नवाज के साथ हुआ और साल 2009 में वह 'इमोशनल अत्याचार' में नजर आए। पहली बार नवाज को फिल्म पीपली लाइव से पहचान मिली। लेकिन शोहरत उन्हें अनुराग कश्यप की 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से मिली। जिसके बाद नवजा को किसी पहचान की जरूरत ही नहीं पड़ी। उनकी एक्टिंग के बाद उन्हें फिल्म में कई ऑफर मिलने लगे।

बनाया अपने सपनों का आशियाना

अपनी कड़ी मेहनत के बाद नवाज ने अपने सपनों का महल बनाया जिसे तैयार होने में 3 साल लगे। नवाज के पास इस समय  फोर्ड की एंडेवर और मर्सिडीज जीएलएस जैसी लग्जरी एसयूवी भी है। आफको बता दें कि, नवाब का नेट वर्थ  20 मिलियन डॉलर है।

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