By अभिनय आकाश | Sep 11, 2025
नेपाल इस वक्त सेना के कंट्रोल में है। लेकिन आपको बता दें कि नेपाल में सेना का शासन नहीं हो सकता है। नेपाल के संविधान में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। इसी बीच नेपाल से एक दिलचस्प खबर तब आई जब सड़कों पर गूम रहे हजारों नेपाली युवाओं ने ये कह दिया कि उन्हें भी अपने देश में मोदी जैसा प्रधानमंत्री चाहिए। जिस तरह का विकास पीएम मोदी भारत में कर रहे हैं, नेपाल को भी ऐसा ही विकास चाहिए। वैसे तो इस तरह की बातें पाकिस्तानी भी अक्सर बोला करते हैं।
वैसे आपको बता दें कि ओली की वामपंथी सरकार का तख्तापलट करने वाले युवाओं ने आर्मी चीफ से मिलकर अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए एक ऐसी महिला का नाम सुझाया है, जिसका भारत से बहुत गहरा रिश्ता है। नेपाल के युवा इन्हीं को अपना अंतरिम प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। जैसे ही नेपाल के युवाओं ने सुशीला कार्की का नाम फाइनल कर दिया उसके तुरंत बाद सुशीला कार्की ने भारत और पीएम मोदी के बारे में एक बहुत बड़ा ऐलान कर दिया। कार्की अक्सर भारत और नेपाल के साथ उसके संबंधों के बारे में गर्मजोशी से बात करती रही हैं, और अपनी हालिया टिप्पणियों में भी उन्होंने यही बात दोहराई। एक समाचार साक्षात्कार में बोलते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं दीं और अपनी प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मोदी जी के बारे में मेरी अच्छी राय है। आज हम कई दिनों से भारत के संपर्क में नहीं हैं।
सुशीला कार्की का भारत से जुड़ाव उनकी युवावस्था से ही है। नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनने से बहुत पहले, कार्की ने अपने जीवन के कुछ सबसे महत्वपूर्ण वर्ष सीमा पार पढ़ाई करते हुए बिताए थे। उन्होंने खुद बताया कि मैं भारत की सीमा के पास विराटनगर की नागरिक हूँ। मेरे घर से (भारत) शायद सिर्फ़ 25 मील दूर है।" उन्होंने बताया कि वह नियमित रूप से सीमा पर स्थित बाज़ार जाती थीं। भारत आने से पहले उन्होंने विराटनगर के महेंद्र मोरंग कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, जहां उन्होंने प्रतिष्ठित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। सीएनएन के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मुझे आज भी अपने शिक्षक और दोस्त याद हैं। मुझे गंगा नदी आज भी याद है। गंगा के किनारे एक छात्रावास था। और गर्मियों में रात में हम छत पर सोते थे।
कार्की ने आगे कहा कि वह हमेशा से भारतीय नेताओं से बहुत प्रभावित" रही हैं और उन्हें पड़ोसी से ज़्यादा परिवार जैसा मानती हैं। उन्होंने कहा कि हम उन्हें अपने भाई-बहन मानते हैं। जब उनसे भारत से उनकी उम्मीदों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने खुलकर बात की। उन्होंने दोनों देशों के बीच कभी-कभार होने वाली तल्खियों की ओर इशारा करते हुए बताया भारत ने हर समय नेपाल की मदद की है। हम बहुत करीब हैं... (लेकिन) एक कहावत है सोई में जब बर्तन एक साथ रखे होते हैं, तो वे आवाज़ ज़रूर करते हैं।