नये कृषि कानून किसानों के हितों पर कुठाराघात, कांग्रेस किसानों के साथ है: अजय माकन

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 26, 2020

जयपुर। कांग्रेस महासचिव एवं पार्टी के राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने नये कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि इनके जरिए किसानों पर कुठाराघात किया गया है और कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है। माकन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज पूरे देश का किसान परेशान है, सडकों पर है। तीन काले कानूनों को नरेन्द्र मोदी सरकार ने ससंद में गैर लोकतांत्रिक तरीके से पारित करा कर किसानों के हितों पर कुठाराघात किया है। आज पूरे का पूरा देश और किसान इसे लेकर उद्वेलित है और कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है।’’ माकन ने कहा कि ये तीनों कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली पर कुठाराघात करते हैं। साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि जमाखोरी और मुनाफाखोरी को बढावा देने के लिये ये कानून बनाये गये हैं। 

 

इसे भी पढ़ें: गहलोत की मांग, सभी नागरिकों के निशुल्क टीकाकरण की स्पष्ट घोषणा करे केंद्र सरकार


उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन तीनों काले कानूनों को वापस लेने की मांग करती है। उन्होंने कहा, ‘‘ केवल मोदी जी के पूंजीपति मित्रों के फायदे को ध्यान में रखकर ये कानून बनाये गये हैं। ’’ उन्होंने पिछले छह साल में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किसान विरोधी पांच काम किये जाने का जिक्र करते हुए कहा , ‘‘ 12 जून 2014 को जैसे ही मोदी सरकार केंद्र की सत्ता में आयी, सबसे पहले एक अधिसूचना जारी की गयी कि अगर कोई राज्य सरकार एक रूपया बोनस भी यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य से उपर देगी तो उस राज्य से केन्द्र सरकार एमएसपी पर कोई फसल नहीं खरीदेगी। यह मोदी सरकार का किसानों के हितों पर पहला कुठाराघात था। उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के कार्यकाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य बढोत्तरी धान में 134 प्रतिशत की थी और मोदी सरकार में यह केवल 42 प्रतिशत हुआ। इसी तरह, गेहूं की एमएसपी में हमारे समय में 122 प्रतिशत वृदि्ध हुई थी, जबकि मोदी सरकार के समय में केवल 41 प्रतिशत की वृदि्ध हुई है।’’ 

 

इसे भी पढ़ें: अशोक गहलोत का दावा, हमने आधे चुनावी वादे दो साल में ही पूरे कर दिखाए


माकन ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ यह योजना किसानों की बीमा योजना नहीं थी, बल्कि यह केवल बड़े कॉरपोरेट घरानों और निजी कपनियों को फायदा पहुंचाने के लिये थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘2016 में जब खरीफ सत्र में यह लागू किया गया, तो तीन वर्ष में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और किसानों ने मिलकर कुल एक लाख करोड़ रूपया निजी कंपनियों को बीमा के लिये दिया और इन तीन साल में 26,121 करोड़ रूपये का मुनाफा इन कंपनियों को हुआ।

प्रमुख खबरें

GOAT इंडिया टूर 2025: लियोनल मेसी ने वीडियो साझा कर भारत को कहा धन्यवाद

FIFA The Best Awards 2025: डेम्बेले और बोनमती बने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी

IND vs SA लखनऊ टी20: भारत की 14वीं सीरीज़ जीत या दक्षिण अफ्रीका की वापसी

IPL Auction 2026: अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ियों का जलवा, करोड़पति क्लब में धमाकेदार एंट्री