By एकता | Sep 21, 2025
भारत में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) दरों में किया गया महत्वपूर्ण बदलाव सोमवार, 22 सितंबर से लागू होगा, जिसका सीधा असर आम नागरिकों की जेब पर पड़ेगा। इस बदलाव के बाद, जीएसटी की मुख्य दरें अब केवल दो 5% और 18% होंगी। इसके अलावा, 40% की एक विशेष दर पान मसाला, सिगरेट और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों जैसी चुनिंदा वस्तुओं पर लागू होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि मध्यम वर्ग द्वारा इस्तेमाल होने वाली कई इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं, जैसे टीवी और एयर कंडीशनर, को 18% वाले स्लैब में रखा गया है।
क्या होगा सस्ता: रोजमर्रा की जरूरतों की चीजें जैसे पैकेज्ड फूड, खाद्य तेल, घरेलू सफाई के उत्पाद, और छोटी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं (चार्जर, ईयरफोन) सस्ती होंगी। बेंगलुरु जैसे शहरों में, ऐप-आधारित ऑटो और कैब की सवारी भी सस्ती हो जाएगी। सामान्य बीमारियों की दवाएं और मेडिकल उपकरण भी कम दरों में उपलब्ध होंगे।
क्या होगा महंगा: रेस्टोरेंट में खाना, खासकर एयर-कंडीशन्ड और प्रीमियम आउटलेट्स में, महंगा हो जाएगा। इसके अलावा, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन जैसे उपभोक्ता टिकाऊ सामानों के साथ-साथ सैलून और स्पा की सेवाएं और प्रीमियम स्मार्टफोन भी महंगे हो जाएंगे।
कुल मिलाकर, इन बदलावों से रोजमर्रा के खर्चों में राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन बाहर खाने या घरेलू उपकरण खरीदने की लागत बढ़ सकती है।
जीएसटी में बदलाव के बाद उपभोक्ताओं के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी होगा, खासकर जब वे खरीददारी कर रहे हों।
भ्रम की स्थिति: 22 सितंबर से पहले बने उत्पादों पर पुरानी और नई दोनों एमआरपी हो सकती हैं। इससे दुकानदार अधिक कीमत वसूल सकते हैं।
उदाहरण: अगर किसी बिस्किट के पैक की पुरानी कीमत 50 रुपये थी, तो नई दरों के तहत यह 48 रुपये हो सकती है, लेकिन कुछ दुकानदार पुरानी कीमत पर ही बेच सकते हैं।
नया नियम: कंपनियों को अब अख़बारों में संशोधित एमआरपी का विज्ञापन देने की जरूरत नहीं होगी। वे केवल डीलरों को नई मूल्य सूची भेजेंगी।
पैकेजिंग: कंपनियां पुरानी पैकेजिंग का इस्तेमाल 31 मार्च, 2026 तक कर सकेंगी, लेकिन उन्हें स्टिकर या डिजिटल प्रिंटिंग के जरिए नई कीमत दिखानी होगी।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने कंपनियों को इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि आप खरीदारी करते समय कीमतों की सावधानीपूर्वक जांच करें ताकि आपको जीएसटी में कटौती का पूरा लाभ मिल सके।