नई हवाओं का वृक्षारोपण समारोह (व्यंग्य)

By संतोष उत्सुक | Jun 18, 2021

मानसून आ जाए तो वृक्षारोपण होना ही है। संस्था सचिव ने सोचा इस बार शहर के सबसे बड़े हस्पताल के मालिक को मुख्यअतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाए। उन्होंने महामारी के विकट समय में लाखों रूपए खर्च कर, अतिरिक्त ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने के लिए प्लांट लगवाया है। दो चार समझदार लोग मास्क लगाकर उन्हें आमंत्रित करने गए तो उन्होंने ज़्यादा समझदारी भरी बातें की, बोले, आपके आने का शुक्रिया, लेकिन वृक्षारोपण समारोह में आने वाले दूसरे मेहमानों को मेरा आना अच्छा नहीं लगेगा।

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हम नकली ऑक्सीजन के लिए, बैंक से क़र्ज़ लेकर लाखों लगा तो रहे हैं लेकिन रिस्क भी ले रहे हैं। महामारी के पहलवान को तो एक दिन हरा ही देंगे लेकिन कर्ज़ भी लौटाना ही है। संस्था वाले सोचने लगे, कर्ज़ का उद्घाटन से क्या रिश्ता, यह उन्हें अगले शब्दों ने बताया। हमें सभी मरीजों को ऑक्सीजन देते रहना पड़ेगा। यदि वृक्षों से नियमित ऑक्सीजन लेते रहे तो उन्हें हमारी ऑक्सीजन की ज़रूरत शायद न पड़े। आपने इस बार पीपल, नीम आदि के पेड़ लगाने का सोचा है जो मुझे और बुरा लग रहा है। यह दोनों वृक्ष रात दिन खूब ऑक्सीजन देते हैं। सचिव ने कहा यह तो बहुत अच्छा है, लेकिन अगला वाक्य उनकी ऑक्सीजन कम कर गया।

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असंभावित मुख्य अतिथि बोले, हमारे विचार से भविष्य में वृक्ष कम लगाने चाहिएं ताकि ऑक्सीजन प्लांट चलते रहें। अब बहुत कम समय में इतनी ज़्यादा चिकित्सा सुविधाएं जुटा ली गई हैं, विकसित हो चुकी हैं, अगर इनका सदुपयोग नहीं हुआ तो प्लास्टिक व इलेक्ट्रॉनिक कचरा बढ़ जाएगा। दुनिया भर से मिली मदद सामग्री का ठीक से रखरखाव नहीं हुआ तो आत्मा कचोटेगी। लोग बीमार होंगे तभी इनका उपयोग होगा न। आप विश्वास कीजिए, हमने नेताजी को बहुत मुश्किल से महंगे उदघाटन के लिए मनाया था। उन्होंने हरी चाय की चुस्कियां लेते हुए कहा, हम आपको फ्री ऑक्सीजन देंगे और ग्लूकोज़ भी मुफ्त में लगा देंगे। आप चाहें तो वृक्षारोपण समारोह का उद्घाटन किसी बड़े नेता से करवाने बारे बात करूं।

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कुदरत प्रेमियों को एहसास हो गया कि कुछ समय बाद ही, गांव और शहर के हर मोहल्ले में, पारदर्शी, आकर्षक पॉलीपैक में ऑक्सीजन और पीने के स्वच्छ जल के छोटे छोटे टुकड़े, आदरणीय पार्षद या सामाजिक संस्थाओं द्वारा मुफ्त बंटा करेंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि नहाने का पानी पैक्ड मिलना शुरू हो जाए। संस्था वालों ने यह सामयिक निर्णय लिया कि महामारी के जाने के बाद उगे प्रभावों के कारण, वे इस बार वास्तव में वृक्षारोपण नहीं करेंगे। एक प्रेस विज्ञप्ति अवश्य देंगे कि पर्यावरण को समृद्ध करने वाले ऑक्सीजन के वृक्ष, उचित समय आने पर लगाए जाएंगे।


- संतोष उत्सुक

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