By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 03, 2019
नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्रों के विभिन्न बैंकों के विलय से नौकरियां जाने की आशंका को खारिज करते हुए सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि इससे किसी की नौकरी नहीं जाएगी बल्कि कर्मचारियों के हितों की रक्षा होगी तथा ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि विभिन्न बैंकों के विलय से वे मजबूत और प्रतिस्पर्धी होंगे। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं खत्म हो।उन्होंने कहा कि बैंकों के विलय से कर्मचारियों को अधिकतम लाभ होगा और विलय में उनके हितों को ध्यान में रखा रहा है।
इसे भी पढ़ें: निवेश बढ़ाने के लिये की गई कॉरपोरेट कर में कटौती, दिखने लगा है शुरुआती सुधार: सीतारमण
ठाकुर ने कहा कि विलय प्रक्रिया के दौरान हमने पर्याप्त सावधानी बरती है।उन्होंने कहा कि 1998 में नरसिम्हन समिति और बाद में लीलाधर समिति आदि ने बैंकों के विलय की सिफारिश की थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों (पीएसबी) का विलय कर उन्हें चार पीएसबी में बदलने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इसका लक्ष्य सुदृढ़ बैंक तैयार करना है जो अधिक सामर्थ्यवान और लाभकारी होंगे।
इसे भी पढ़ें: एनसीएलटी ने DHFL के खिलाफ दिवाला कार्रवाई की याचिका स्वीकार की
इस कवायद के तहत यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) का विलय पंजाब नेशनल बैंक में किया जाएगा जबकि इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक के साथ विलय होगा। उन्होंने कहा कि यूबीआई का कुल कारोबार 2,08,000 करोड़ रुपये का है, जबकि पीएनबी का 11,82,224 करोड़ रुपये है। विलय के साथ, कुल कारोबार आकार 17,94,526 करोड़ रुपये होगा और यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा।