Health Tips: प्यास, थकान और भूख, डायबिटीज के ये 5 आम लक्षण न करें इग्नोर, वरना बढ़ सकती है दिक्कतें

By अनन्या मिश्रा | Aug 28, 2025

डायबिटीज एक खतरनाक बीमारी है, जिसके आने की भनक नहीं लगती है। इस कारण डायबिटीज को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। बता दें कि जब बॉडी में ग्लूकोज के इस्तेमाल के लिए जरूरी इंसुलिन हार्मोन कम या फिर बेअसर होने लगता है, तो ब्लड शुगर बढ़ने लगता है। यह खाने के बाद तेजी से बढ़ता है, जोकि व्यक्ति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए डायबिटिक पेशेंट्स को हर दिन ब्लड शुगर चेक करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए 5 ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो डायबिटीज के साथ बढ़ सकती हैं।


ध्यान रखना जरूरी

जब भी इस बीमारी की शुरूआत होती है, तो लोगों को अपने हाई शुगर का पता नहीं चल पाता है। ऐसे में आप इन 5 चीजों पर ध्यान देकर डायबिटीज की चेतावनी पा सकते हैं। वहीं समय पर इलाज मिलने से आसानी से डायबिटीज को रिवर्स किया जा सकता है।

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पेशाब

अधिक पेशाब आने की समस्या भी डायबिटीज के लक्षणों में से एक है। खून में हाई शुगर होने पर किडनी को अधिक काम करना पड़ता है। गुर्दे ग्लूकोज को वापिस खून में भेजते हैं और अगर तब ह बच जाता है, तो उसको बाहर निकाल देते हैं। शरीर शुगर को बाहर निकालने के लिए पेशाब को जरिया बनाता है। जिस कारण आपको बार-बार पेशाब आता है।


प्यास

अधिक पेशाब निकलने के कारण शरीर में पानी का लेवल कम हो जाता है, जिससे शरीर डिहाइड्रेटेड होता है। इसकी वजह से शरीर का फंक्शन धीमा पड़ जाता है। जिसकी पूर्ति करने के लिए ज्यादा प्यास लगती है और बार-बार पानी पीना पड़ता है।


भूख

इसके साथ ही डायबिटिक पेशेंट्स को भूख भी अधिक लगती है। ऐसे में खाना खाने के फौरन बाद कुछ न कुछ खाने का मन करने लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मसल्स और सेल्स को एनर्जी नहीं मिल पाती है। जिसकी पूर्ति के लिए दिमाग भूख को जगाता है।


थकान

बता दें कि इंसुलिन ग्लूकोज को इस्तेमाल करने में सहायता करता है, जिससे एनर्जी मिलती है। लेकिन जब इंसुलिन कम हो जाता है या फिर सही तरीके से काम नहीं करता है, तो थकान रहने लगती है। जिस कारण मरीज को अक्सर कमजोरी महसूस होती रहती है।


इंफेक्शन

डायबिटीज की वजह से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। इससे शरीर में ब्लड फ्लो कम हो जाता है और इंफ्लामेशन बढ़ जाती है। इस कारण मरीज को इंफेक्शन आसानी से घेर लेता है। साथ ही घाव और जख्म भरने में भी अधिक समय लगता है।

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