By अभिनय आकाश | May 05, 2025
पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा पोषित खालिस्तानी गुंडों ने कनाडा के माल्टन गुरुद्वारे में भारतीय प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और गृह मंत्री के पुतले के साथ हिंदू विरोधी परेड का आयोजन किया। खालिस्तानियों ने कनाडा से हिंदुओं को वापस भेजने की मांग भी की। बता दें कि मार्क कार्नी के कनाडा के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत के खिलाफ पहली बड़ी साजिश देखने को मिली है। यह परेड टोरंटो के माल्टन गुरुद्वारे के बाहर हुई। यह घटना सिख विरासत माह के दौरान हुई है, जब पूरे कनाडा में खालसा दिवस परेड आयोजित की जाती है। इस तरह की घटनाओं पर कनाडा सरकार की प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है।
इंडो-कनाडाई समूहों ने ग्रेटर टोरंटो एरिया (जीटीए) में खालसा दिवस परेड के दौरान दिए गए भाषण पर नाराजगी व्यक्त की है, जिसमें समुदाय को देश से बाहर निकालने का आह्वान किया गया है। यह भाषण खालिस्तान समर्थक प्रचार की झांकियों की पृष्ठभूमि में दिया गया था, जिसमें पाकिस्तान समर्थक और भारत विरोधी बैनर शामिल थे।
भड़काऊ बयान की निंदा करते हुए, कनाडाई हिंदू चैंबर ऑफ कॉमर्स ने कहा कि इतिहास हमें सिखाता है कि सामूहिक निष्कासन के आह्वान से अकल्पनीय कार्य होते हैं। इस खतरनाक बयानबाजी की सभी नेताओं द्वारा निंदा की जानी चाहिए। समुदाय के नेताओं ने बताया कि देश में लगभग 1.8 मिलियन भारये कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों की रणनीति है, जिनमें से कई ने कनाडा की शरण और आव्रजन प्रणालियों का फायदा उठाया है, देश में प्रवेश करने और हिंसा को वित्तपोषित करने, बढ़ावा देने और महिमामंडित करने वाले नेटवर्क बनाने के लिए उत्पीड़न के झूठे दावे पेश किए हैं।तीय-कनाडाई हैं, जिनमें से लगभग 800,000 या आठ लाख हिंदू हैं।