By अभिनय आकाश | Apr 28, 2025
पाकिस्तान ने ऐलान किया कि वो पहलगाम हमले की जांच चीन और रूस से करवाना चाहता है। लेकिन रूस का नाम लेते ही पाकिस्तान पर बिजली गिर गई। खबर आई है कि पहलगाम में आतंकी हमला कराने से पहले पाकिस्तान रूस में हुए एक बड़े आतंकी हमले में शामिल मिला है। यानी जिस रूस से पाकिस्तान पहलगाम की इंटरनेशनल जांच करवाना चाहता है, उसी रूस पर पाकिस्तान ने हमला किया है। अब भारत और रूस दोनों मिलकर पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे। घबराहट और बौखलाहट में पाकिस्तान ने खुद ही अपने गले में फंदा डाल दिया है। इस फंदे को कसने का काम रूस और भारत मिलकर करेंगे। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मन की बात कार्यक्रम में एक बार फिर दोहराया है कि बदला जरूर लिया जाएगा क्योंकि पूरे भारत का खून खौल रहा है। ये बयान सुनकर पाकिस्तान को अंदाजा हो गया कि कुछ न कुछ तो बड़ा होने वाला है। इससे बचने के लिए पाकिस्तान ने एक चाल चली कि पहलगाम की अंतरराष्ट्रीय जांच हो और ये जांच चीन और रूस के द्वारा की जाए।
पाकिस्तान को लग रहा है कि जांच शुरू हो गई तो भारत हमला नहीं कर पाएगा। इस जांच में भारत का दोस्त रूस हिस्सा लेगा तो भारत के हाथ और ज्यादा बंध जाएंगे। लेकिन रूस का नाम लेते ही पाकिस्तान पर अचानक से बिजली गिरी जिस वक्त पाकिस्तान ने रूस से मदद मांगी उसी वक्त ये खबर आई कि पाकिस्तान ने रूस पर बड़ा आतंकी हमला करवाया था। 22 मार्च 2024 को रूस की राजधानी मॉस्को में एक बड़े आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ था। इस आतंकी हमले में रूस के 150 नागरिक मारे गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक इस आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान में ही छुपा हुआ है। ठीक वैसे ही जैसे अमेरिका पर हुए हमले के बाद ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में आकर छिप गया था। यानी पाकिस्तान ने उस आतंकवादी को छिपने की जगह दी जिसने रूस की राजधानी मॉस्को में हमला किया था।
पिछले साल मार्च में मॉस्को के पास क्रोकस सिटी हॉल में हुए आतंकी हमले में कई निहत्थे नागरिक मारे गए थे। यह हमला इस्लामिक स्टेट (आईएस)-विलायत खोरासन की अफगान शाखा के समर्थकों द्वारा किया गया था। ऐसी खबरें हैं कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसे हिरासत में लिया है। रूसी अधिकारी सूचना की पुष्टि कर रहे हैं और हाल के वर्षों में रूस में हुए सबसे भीषण आतंकी हमले के मास्टरमाइंड को सौंपने के लिए जल्द ही इस्लामाबाद से संपर्क कर सकते हैं, ईटी को पता चला है। मॉस्को ने पहले क्रोकस आतंकी हमले के मास्टरमाइंड को सौंपने के लिए अफगानिस्तान से संपर्क किया था, लेकिन मामले से परिचित सूत्रों ने दावा किया कि जब तक काबुल उसे पकड़ पाता, तब तक चरमपंथी आतंकवादी पाकिस्तान में घुस चुका था।