पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में रहता है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पाकिस्तान वर्तमान में अपनी मजबूत परमाणु क्षमता को और विकसित करने में लगा हुआ है। इसका मतलब साफ तौर पर यह है कि वह एक भीषण युद्ध की तैयारी में है। लेकिन यह बात भी सच है कि वर्तमान में पाकिस्तान आंतरिक सुरक्षा की भी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में उसके परमाणु शस्त्रागार को भी खतरा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की यह मूर्खता हथियारों के एक होड़ को जन्म दे सकती है। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि हथियारों के होड़ को नियंत्रित करने के लिए उपमहाद्वीप में एक हथियार नियंत्रण समझौते की जरूरत है।
एएनआई डिजिटल पर छपी खबर के मुताबिक काइल मिज़ोकामी ने कहा कि पाकिस्तान स्पष्ट रूप से एक मजबूत परमाणु क्षमता विकसित करने की कोशिश कर रहा है जो उसे परमाणु युद्ध की तरफ धकेल सकता है। दशकों पुराना परमाणु शक्ति संपन्न पाकिस्तान अपने हथियारों के जखीरे को लगातार बढ़ा रहा है। इसका मतलब पाकिस्तान उस राह पर जाने की कोशिश कर रहा है जहां वह विनाशकारी हमलों में समर्थ हो सके। 1998 में पाकिस्तान के पास 25 परमाणु हथियार होने का अनुमान जताया गया था। लेकिन वर्तमान में देखें तो पाकिस्तान के पास 110 से 130 परमाणु बमों के होने का अनुमान है।
कार्नेज एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस एंड स्टिमसन सेंटर के एक अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान की बम बनाने की क्षमता सालाना 20 है। जिसका मतलब साफ है कि वह आने वाले दिनों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी परमाणु ताकत वाला देश बन सकता है। हालांकि दूसरे विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि पाकिस्तान नजदीकी भविष्य में केवल 40 से 50 परमाणु हथियार ही विकसित कर सकता है। मौजूदा वक्त में देखे तो पाकिस्तान परमाणु संपन्न राष्ट्रों में है और उसके पास जमीन, हवा और समुंद्र में मार करने वाली परमाणु हथियार प्रणाली भी उपलब्ध है। इसके अलावा उसके पास लड़ाकू विमान, मिसाइल और युद्धपोत भी है। इसके अलावा पाकिस्तान ने परमाणु बम ले जाने के लिए अमेरिका द्वारा निर्मित एफ-16 लड़ाकू विमान और फ्रांसीसी मिराज लड़ाकू विमान को मॉडिफाई भी किया है।