Astrology Tips: इन 5 ग्रहों से बनता है पंच महापुरुष योग, मिलती है असाधारण सफलता

By अनन्या मिश्रा | Sep 03, 2025

ज्योतिष शास्त्र में राजयोग का विशेष महत्व माना जाता है। क्योंकि यह वो शुभ योग होते हैं, जोकि व्यक्ति को धन, मान-सम्मान, उच्च पद और सफलता दिलाते हैं। इन्हीं राजयोगों में से एक अत्यंत शक्तिशाली और दुर्लभ योग हैं, जिनमें से एक पंच महापुरुष राजयोग है। जिस व्यक्ति की कुंडली में पंच महापुरुष योग बनता है, उसको जीवन में वैभव और असाधारण सफलता प्राप्त होता है। ऐसा जातक न सिर्फ बड़ा बिजनेसमैन बन सकता है, बल्कि किसी भी क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंच सकता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको पंच महापुरुष के योग के बारे में बताने जा रहे हैं।


पंच महापुरुष योग

पंच महापुरुष राजयोग पांच विशेष ग्रहों मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि से संबंधित है। कुंडली में यह योग तब बनता है, जब इनमें से कोई भी एक ग्रह उच्च राशि में या फिर अपनी स्वराशि में होकर केंद्र भाव यानी की 1, 4, 7, 10 स्थिति में हो। बता दें कि हर ग्रह एक अलग तरह का महापुरुष योग बनाता है।

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मंगल से बनता है रुचक योग

जब मंगल ग्रह अपनी उच्च राशि मकर या फिर अपनी स्वराशि मेष या वृश्चिक में होकर केंद्र में बैठता है, तो यह रुचक योग का निर्माण करता है। ऐसा जातक पराक्रमी, साहती और नेतृत्व क्षमता से भरपूर होता है। ऐसा व्यक्ति पुलिस, सेना, खेल या फिर रियल एस्टेट में सफल होते हैं। बड़ा बिजनेसमैन बनने के लिए इन जातकों में जोखिम लेने का गजब का माद्दा होता है।


बुध से बनता है भद्र योग

जब कुंडली में बुध अपनी उच्च राशि कन्या या अपनी स्वराशि मिथुन या कन्या में होकर केंद्र में बैठता है। तो भद्र योग बनता है। ऐसे जातक वाकपटु, कुशल वक्ता, बुद्धिमान और तार्किक होते हैं। यह जातक व्यापार, पत्रकारिता, लेखन, परामर्श या बैंकिंग सेक्टर में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। इन जातकों को बिजनेस में कम्युनिकेशन्स का धनी माना जाता है।


बृहस्पति से बनता है हंस योग

जब बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क या अपनी स्वराशि धनु या मीन में केंद्र में बैठता है, तो हंस योग बनता है। ऐसे जातक धार्मिक, ज्ञानी, नैतिक और परोपराकारी होते हैं। यह जातक धर्म, कानून, शिक्षा या वित्त के क्षेत्र में उच्च स्थान प्राप्त करते हैं। इन जातकों को व्यापार में सही फैसला लेने वाला माना जाता है।


शुक्र से बनता है मालव्य योग

जब शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में या अपनी स्वराशि वृषभ या तुला में होकर केंद्र में बैठता है, तो मालव्य योग बनता है। ऐसे व्यक्ति कलात्मक, आकर्षक, धनी और विलासितापूर्ण जीवन जीने वाले होते हैं। यह जातक कला, मनोरंजन, फैशन, होटल उद्योग या सौंदर्य प्रसाधन में सफल होते हैं। इन जातकों की बिजनेस में दूरदर्शिता कमाल की होती है।


शनि से बनता है शश योग

जब शनि ग्रह अपनी उच्च राशि तुला में या फिर अपनी स्वराशि मकर या कुंभ में होकर केंद्र में विराजमान होते हैं। तो शश योग का निर्माण होता है। ऐसे जातक अनुशासित, मेहनती, दृढ़ निश्चयी और न्यायप्रिय होते हैं। यह जातक प्रशासन, राजनीति, न्यायपालिका या बड़े उद्योगों में सफल होते हैं। इन जातकों के पास व्यापार की स्थिरता और लंबी अवधि तक चलाने की क्षमता और गुण मौजूद होता है।


किसी भी जातक की कुंडली में इनमें से एक भी योग बन रहा है, तो यह उसके लिए किसी लॉटरी से कम नहीं है। इन जातकों को जीवन में संघर्षों के बाद बड़ी सफलता मिलती है। वहीं अगर कुंडली में दो या फिर दो से अधिक योग बन रहे हैं, तो यह अत्यंत दुर्लभ और शुभ स्थिति होती है।

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