By Prabhasakshi News Desk | Jun 17, 2024
उत्तर प्रदेश की महाराजगंज लोकसभा सीट से सातवीं बार लोकसभा पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के पंकज चौधरी को मोदी 3.0 सरकार में जगह मिली है। उन्हें वित्त मंत्रालय में बतौर राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी चौधरी इस मंत्रालय का दायित्व संभाल चुके हैं। चौधरी की उत्तर प्रदेश में कुर्मी वोट बैंक पर मजबूत पकड़ मानी जाती है। पंकज चौधरी को पार्षद से लेकर संसद सदस्य तक का अनुभव रहा है।
पंकज चौधरी 1991, 1996, 1998, 2004, 2014 में सांसद रह चुके हैं। 2019 में वे छठवीं बार सांसद चुने गए। गोरखपुर में जन्में पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर गोरखपुर नगर निगम से शुरू हुआ था। वह पहली बार 1989-91 में नगर निगम गोरखपुर में पार्षद चुने गए थे। इसके बाद 1990-91 तक वे गोरखपुर नगर निगम में ही उप-महापौर भी रहे। उसी साल उन्हें यानी 1991 में प्रदेश भाजपा में कार्यकारिणी समिति में सदस्य बनाया गया और लोकसभा के चुनाव में उन्हें टिकट भी मिल गया और वे जीत भी गए। सांसद रहते वे संसद की कई समितियों में रहे।
इसके बाद वह 1996 में दोबारा चुनाव जीत गए। इस बार भी उन्हें कई संसदीय समितियों में रहने का मौका मिला। 1998 में मध्यावधि चुनाव हुए और पंकज चौधरी फिर जीत गए। 2004 में वह चौथी बार सांसद बने। लेकिन, लोकसभा चुनावों में लगातार जीत का उनका क्रम 2009 में टूट गया। उन्हें कांग्रेस के हर्षवर्द्धन ने 2009 में हारा दिया। इस चुनाव में वह तीसरे स्थान पर रहे। 2014 में फिर चुनाव हुए और पार्टी ने पंकज चौधरी का हाथ नहीं छोड़ा। चौधरी इस बार पांचवीं बार सांसद बने।
2019 में वे फिर से सांसद बने। अब मोदी कैबिनेट के पहले विस्तार में उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री का पद मिला। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में शिवप्रताप शुक्ल को हटाकर पंकज चौधरी को जगह दी थी। धीरे-धीरे पंकज ने कुर्मी वोट बैंक पर अपनी पकड़ मजबूत की गौरतलब है कि यूपी में कुर्मी वोटर्स की संख्या करीब 5% से 6% है। माना जा रहा है कि गठबंधन में शामिल अपना दल (एस) की कुर्मी नेता अनुप्रिया पटेल के साथ पंकज चौधरी के कद को बढ़ाकर बीजेपी पावर बैलेंस कर रही है।