Patanjali Foods का पांच साल में 50,000 करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 12, 2023

नयी दिल्ली। खाद्य उत्पाद कंपनी पतंजलि फूड्स ने अगले पांच साल में 50,000 करोड़ रुपये का कारोबार और 5,000 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ हासिल करने के लिए एक आक्रामक वृद्धि योजना तैयार की है जिसमें एफएमसीजी कारोबार की अहम भूमिका होगी। पतंजलि फूड्स लिमिटेड का नाम पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज था लेकिन सितंबर, 2019 में कर्ज समाधान प्रक्रिया के तहत पतंजलि समूह ने इसका अधिग्रहण कर लिया था। पतंजलि समूह के प्रमुख बाबा रामदेव ने पीटीआई-के साथ बातचीत में कहा कि पतंजलि फूड्स अपने कारोबार विस्तार के लिए खाद्य उत्पाद और रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले उत्पाद (एफएमसीजी) कारोबार को बढ़ाने के साथ बड़े पैमाने पर पाम के पेड़ भी लगाएगी।

उन्होंने कहा कि पतंजलि फूड्स ने अगले पांच वर्षों में एफएमसीजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी बनने के लिए एक दृष्टि-पत्र तैयार किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य अगले पांच साल में कर-पूर्व आय के स्तर पर 5,000 करोड़ रुपये का लाभ और 50,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने का है।’’ पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का शुद्ध लाभ एक साल पहले के 806.30 करोड़ रुपये से बढ़कर 886.44 करोड़ रुपये हो गया। वहीं इसकी कर-पूर्व एबिटा आय 1,577 करोड़ रुपये रही थी। रामदेव ने कहा कि पंचवर्षीय लक्ष्य को हासिल करने के लिए कंपनी ने कई नए उत्पाद उतारने की रणनीति बनाई है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सफेद भैंस का घी, प्रीमियम बिस्कुट एवं कुकीज, सूखे मेवे, मसाले एवं अन्य पौष्टिक उत्पादों को भी अगले कुछ महीनों में लेकर आएंगे।’’

इसे भी पढ़ें: Stock Market Update: दो दिनों बाद बाजार में लौटी तेजी, सेंसेक्‍स, निफ्टी हरे निशान में बंद

उन्होंने कहा कि खाद्य उत्पादों एवं एफएमसीजी कारोबार की कुल राजस्व में हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 20 प्रतिशत हो गई जबकि इसके एक साल पहले यह सिर्फ सात प्रतिशत थी। कंपनी पाम तेल कारोबार पर अपनी पकड़ के लिए बड़े पैमाने पर पाम की खेती भी कर रही है। देशभर के नौ राज्यों में फैले करीब 39,000 किसानों के साथ मिलकर 63,816 हेक्टेयर में पाम के पेड़ लगाए गए हैं। इसके अलावा कंपनी अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट में अपनी पहली तेल मिल भी लगा रही है। इसके साथ ही रामदेव ने कहा कि पतंजलि फूड्स के प्रवर्तक जून में अपनी छह प्रतिशत हिस्सेदारी संस्थागत निवेशकों को बेचेंगे ताकि कंपनी में न्यूनतम 25 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता का प्रावधान लागू किया जा सके। फिलहाल प्रवर्तकों के पास 81 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

प्रमुख खबरें

ऑफलाइन Google Maps का जादू: बिना इंटरनेट के भी नेविगेट करें, ये है स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

Unnao Rape Case । कुलदीप सेंगर की जमानत पर संग्राम, पीड़िता ने फैसले को बताया काल, CBI जाएगी सुप्रीम कोर्ट

अक्षय कुमार की वेलकम टू द जंगल का ग्रैंड टीजर जारी, इतने बड़े स्टार्स देखकर उड़े फैंस के होश!

Banaras Gangajal Facts: मोक्ष नगरी बनारस से गंगाजल लाने की मनाही क्यों, क्या है इसके पीछे का अनसुलझा रहस्य