दिल की धड़कन को रोककर दिमाग की सर्जरी कर बचाई मरीज़ की जान

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 28, 2019

लखनऊ। अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल के न्यूरो विभाग ने एक जटिल सर्जरी कर मरीज की जान बचाई। अपोलो मेडिक्स के न्यूरो सर्जन डॉक्टर रविशंकर ने शुक्रवार को बताया कि ब्रेन एन्यूरिस्म पीड़ित मरीज की ब्रेन सर्जरी के लिये उसके दिल की धड़कन को कुछ समय के लिये रोक दिया गया, जिससे सर्जरी के खतरे को कम किया जा सका। 

इसे भी पढ़ें: #LatestHindiNews देश दुनिया को प्रभावित करने वाली आज की सबसे बड़ी ख़बरें 28 June 2019

रविशंकर ने बताया कि हमारे पास ब्रेन एन्यूरिस्म पीड़ित 35 वर्षीय बाराबंकी निवासी मनोज वर्मा बेहोशी की हालत में गंभीर स्थिति में आया था। ब्रेन एन्यूरिस्म में मरीज के खून की नली में ही खून का एक गुब्बारा बन जाता है। उन्होंने बताया कि इस का इलाज क्रैनियोटोमी व क्लिपिंग ऑफ एन्यूरिस्म द्वारा किया जाता है, जिसमें खून के गुब्बारे को एक क्लिप के माध्यम से बंद कर दिया जाता है। इस बीमारी में सर्जरी के बाद भी मृत्यु दर बहुत अधिक होती है। 

 

रविशंकर ने बताया कि हमने जांच में पाया कि मरीज के डोमिनेंट ब्रेन के हिस्से की मुख्य खून की नली से आगे जाने वाली दो नलियों के पास गुब्बारा बना हुआ था जो नलियों से चिपका हुआ था। इस अवस्था में इसे बंद करने पर वाहिनियों में अवरोध होने व नुकसान की संभावना थी जिससे मरीज़ के सोचने समझने की क्षमता और बोलने की क्षमता पर काफी नकारात्मक असर आ सकता था। साथ ही मरीज के दायें हाथ की गतिविधि भी प्रभावित हो सकती थी या जान का खतरा भी हो सकता था इसलिये हमने पहले गुब्बारे को सिकोड़ने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि सात घंटे चले इस आपरेशन में हमने मरीज की धड़कन को करीब 45 सेकंड के लिये चार बार बंद किया और फिर सर्जरी की। इस प्रक्रिया में हमें उन 45 सेकंड में सामान्य सर्जिकल गति की 100 गुना गति से काम करना पड़ा जिसके लिए अत्यधिक कुशलता और विशेष प्रकार की ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है।

इसे भी पढ़ें: पहले साथ मिलकर कार बनाते थे भारत-जापान, अब बुलेट ट्रेन बना रहे हैंः मोदी

उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के बाद मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है और आपरेशन के तुरंत बाद ही बातचीत करने लगा है। रविशंकर ने बताया कि ये बीमारी आनुवंशिक है। साथ ही धूम्रपान व शराब का सेवन करने से भी होती है। जिस परिवार में ये बीमारी रही हो उस परिवार के सदस्यों को धूम्रपान व शराब का सेवन नहीं करना चाहिये क्योंकि इस बीमारी का शुरूआती लक्षणों से इसका पता नहीं चलता है। ब्रेन एन्यूरिस्म का पता एन्यूरिस्म या गुब्बारे के फटने पर ही पता चलता है । मरीज बेहोश हो जाता है या कोमा में चला जाता है। उन्होंने बताया कि 50 प्रतिशत मरीजों की तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही मृत्यु हो जाती है।

 

प्रमुख खबरें

Smriti Irani hits Back At Pakistani Leader | चुनाव के बीच राहुल गांधी की तारीफ करने वाले पाकिस्तानी नेता फवाद हुसैन पर स्मृति ईरानी का पलटवार | Watch Video

Uttar Pradesh: प्रेमी युगल ने जहर खाकर की आत्महत्या, मामले की जांच शुरू

Maharashtra: EVM में हेरफेर करने के लिए शिवसेना-यूबीटी नेता से 2.5 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में सेना का जवान गिरफ्तार

Air India Express के अनेक विमान कर्मियों ने बीमार होने की सूचना दी, कई उड़ान रद्द