By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 26, 2022
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह लोगों के पारस्परिक लाभ और भारत तथा श्रीलंका के बीच सदियों पुराने, घनिष्ठ एवं मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति के साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हैं। भारत और इसके नेताओं के करीबी माने जाने वाले विक्रमसिंघे को मई में प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। सरकार विरोधी अभूतपूर्व प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति राजपक्षे के देश छोड़कर भाग जाने के बाद 13 जुलाई को उन्हें कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई थी। विक्रमसिंघे ने 22 जुलाई को अनुभवी नेता दिनेश गुणवर्धने को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। विक्रमसिंघे के पास राजपक्षे के बाकी कार्यकाल को पूरा करने का जनादेश है, जो नवंबर 2024 में समाप्त हो रहा है। इस बीच, कोलंबो में, भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने मंगलवार को नवनियुक्त प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने से शिष्टाचार भेंट की और भारत के नेतृत्व, सरकार तथा लोगों की ओर से बधाई दी।
भारतीय मिशन ने ट्वीट किया, उच्चायुक्त ने सभी क्षेत्रों में लंबे समय से भारत-श्रीलंका के संबंधों को मजबूत करने के लिए विभिन्न क्षमताओं में उनके मार्गदर्शन के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उच्चायुक्त ने श्रीलंका के लोगों के प्रति भारत के अभूतपूर्व समर्थन की तहे दिल से सराहना किए जाने के लिए भी धन्यवाद दिया।’’ मंगलवार को, बागले ने संकटग्रस्त श्रीलंका को तमिलनाडु सरकार द्वारा दान की गई चावल और दवाओं जैसी मानवीय आपूर्ति की तीसरी खेप सौंपी। उच्चायोग ने एक बयान में कहा, भारत सरकार और भारतीय लोग श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं। यहां भारतीय उच्चायुक्त ने तमिलनाडु सरकार द्वारा दान की गई 3.4 अरब रुपये से अधिक की मानवीय आपूर्ति सौंपी। इस साल जनवरी से अब तक श्रीलंका को भारत सरकार की सहायता लगभग चार अरब डॉलर तक पहुंच गई है।