लोकसभा चुनाव से पहले PM ने की पूर्ण बहुमत वाली सरकार की पुरजोर वकालत

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 13, 2019

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ ही महीने बाद आसन्न लोकसभा चुनाव से पहले ‘पूर्ण बहुमत वाली सरकार’ की पैरवी करते हुए बुधवार को कहा कि पूर्ण बहुमत वाली सरकार की बात को दुनिया में ध्यान से सुना जाता है और देश प्रगति के नये आयामों को हासिल करता है। सोलहवीं लोकसभा के अंतिम सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने धन्यवाद भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विश्व में भारत का एक अलग स्थान बना है जिसका पूरा यश पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाले देश के सवा सौ करोड़ देशवासियों को जाता है।

मोदी ने कहा कि आज विश्व में भारत का जो कद बढ़ा है, उसके मूल में 2014 में 30 साल बाद बनी पूर्ण बहुमत वाली सरकार है। इसका यश पूर्ण रूप से देश की सवा सौ करोड़ जनता को जाता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक परिवेश में भारत को गंभीरता से सुना जाता है, तो उसका कारण न तो मोदी है और न ही (विदेश मंत्री) सुषमा स्वराज। इसका कारण पूर्ण बहुमत वाली सरकार है। मोदी ने कहा कि 30 साल में गठबंधन सरकार के कारण नुकसान हुआ है। पूर्ण बहुमत वाली सरकार होती है तो दुनिया के देशों के बीच ताकत मिलती है। दुनिया के नेता ध्यान से बात सुनते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि सरकार को जनादेश प्राप्त है। 

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उन्होंने कहा कि इस सदन के सदस्य जब जनता के बीच जाएंगे, तो वे गर्व से इन पांच वर्षों में सदन द्वारा काले धन और भ्रष्टाचार के विरुद्ध बनाए गए कानूनों के विषय में बता सकते हैं। जो कानून पहले नहीं बना पाये थे, वैसा कानून बनाया। दिवालिया कानून बनाया, बेनामी सम्पत्ति से जुड़ा कानून बनाया, आर्थिक अपराध से जुड़े भगोड़ों पर लगाम लगाने संबंधी कानून बनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षो में कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाया गया। अंतराष्ट्रीय स्तर पर जो व्यवस्था होनी चाहिए, वैसी व्यवस्था बनाई।

उन्होंने कहा कि तीन दशक बाद 2014 में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी। यह पहली पूर्ण बहुमत वाली सरकार हुई जो ‘कांग्रेस गोत्र’ की नहीं थी। इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पहली मिलीजुली सरकार बनी जो ‘कांग्रेस गोत्र’ की नहीं थी। मोदी ने कहा कि 16वीं लोकसभा में मैं उन सांसदों में था जो पहली बार चुन कर आए थे। न यहां के भूगोल का पता था और न ही गली का । हर चीज को जिज्ञासा से देखता था। सदन में बैठने के स्थान पर लगे बटन को देखा कि क्या है, कैसे है। तभी यहां लगी पट्टिका पर नजर पड़ी। उन्होंने कहा कि उनसे पहले 13 प्रधानमंत्री इस स्थान पर बैठे लेकिन इस पट्टिका पर तीन के ही नाम है। ऐसा क्यों हुआ, कैसे हुआ... इस पर उदारवादी विचार रहने वाले चिंतक ध्यान देंगे और मार्गदर्शन करेंगे।

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प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान सदन के माध्यम से सरकार की ओर से आगे बढ़ाये गए कार्यो का भी ब्यौरा दिया और कहा कि इस सदन ने जो काम किये हैं, उसके सभी हिस्सेदार है जिसमें विपक्ष में रहकर ताकत देने वाले और सत्ता पक्ष की ओर से योगदान देने वाले भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने जीएसटी विधेयक पारित होने का जिक्र करते हुए कहा कि इसका श्रेय सरकार ने लेने का प्रयास नहीं किया। शत्रु सम्पत्ति संबंधी कानून का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश आजाद हुआ लेकिन वह कौन सी मानसिकता थी कि शत्रु सम्पत्ति नहीं ले पाए। 

मोदी ने सामाजिक न्याय संबंधी अपने सरकार के कार्यो का उल्लेख करते हुए सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने और उसे बिना उलझन और कटुता से लाने का जिक्र किया। उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने संबंधी कानून का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह करने और 1400 से अधिक पुराने कानून को समाप्त करने की पहल का जिक्र करते हुए सदन के सदस्यों के योगदान की सराहना की।  मोदी ने सांसद सदस्यों के वेतन बढ़ने के संबंध में अतीत में हुई आलोचनाओं का जिक्र किया और कहा कि अब ऐसी संवैधानिक व्यवस्था बनी है कि अब दूसरों का वेतन बढ़ेगा तो सांसदों का भी बढ़ जायेगा। 

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विदेश नीति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेश नीति में अब नया पहलु जुड़ गया है और यह है मानवीय पहलु। उन्होंने नेपाल, श्रीलंका, मालदीव समेत पड़ोसी देशों में त्रासदी एवं आपदा के समय भारत सरकार के योगदान का उल्लेख किया और कहा कि मानवता के काम में भी भारत ने एक बड़ी भूमिका निभायी है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, विश्व के देशों में महात्मा गांधी और बाबा साहब अंबेडकर की जयंती मनाये जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने इस कार्यकाल में अधिकतम उपग्रह प्रक्षेपित करने का भी उल्लेख किया। 

मोदी ने कहा कि कि हमारे कार्यकाल में देश विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। इसके लिए यहां बैठे सभी सदस्य बधाई के पात्र है, क्योंकि नीति-निर्धारण का काम यहीं हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान लोकसभा के कार्यकाल में भारत छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना और 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।  

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