By अनुराग गुप्ता | Sep 25, 2021
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी दौरा सफल रहा। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्यता मिलने की संभावना बढ़ी है। वहीं महाराष्ट्र में लंबे समय बाद फिर से सिनेमा हॉल खुलेंगे। लेकिन सभी को कोरोना नियमों का पालना करना पड़ेगा और अंत में बात तालिबान की करेंगे।
भारत की दावेदारी हुई मजबूत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। उन्होंने बीते दिन व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की थी। इस बैठक के दौरान जो बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता और एनएसजी में नई दिल्ली के प्रवेश के प्रति वॉशिंगटन का समर्थन दोहराया है।व्हाइट हाउस में दोनों नेताओं की बैठक के बाद जारी हुए संयुक्त बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी बैठक के दौरान अगस्त 2021 में सुरक्षा परिषद की नई दिल्ली द्वारा की गई अध्यक्षता के दौरान भारत के ‘मजबूत नेतृत्व’ की सराहना की। इस परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रपति बाइडेन ने सुधारों से युक्त संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता तथा उन अन्य देशों के लिए अमेरिका का समर्थन दोहराया, जो बहुपक्षीय सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की आकांक्षा रखते हैं।बाइडेन द्वारा समर्थन किए जाने से सुरक्षा परिषद में सुधारों के लिए भारत के प्रयासों को एक बड़ी मजबूती मिली है। संयुक्त राष्ट्र की इस शक्तिशाली इकाई में लंबे समय से लंबित सुधारों के लिए भारत अग्रिम मोर्चे पर रहा है और जोर देकर कहता रहा है कि वह इस निकाय में स्थायी सदस्य बनने का हकदार है।महाराष्ट्र में फिर खुलेंगे सिनेमा हॉलकोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर को झेलने वाले राज्य महाराष्ट्र में लंबे समय बाद फिर से सिनेमा हॉल खुलने वाले हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य में सिनेमा हॉल और ड्रामा थिएटरों को कोरोनो के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक सभी दिशा निर्देशों का पालन करने की शर्त पर 22 अक्टूबर से खोलने की अनुमति दी जाएगी।वहीं, राज्य सरकार ने धार्मिक स्थलों को 7 अक्टूबर से फिर से खोलने की घोषणा की थी और कोरोनो वायरस से संबंधित दिशा निर्देशों को सख्ती से लागू करने के संबंध में भक्तों और पूजा स्थलों का प्रबंधन करने वाले अधिकारियों के लिए एक एसओपी जारी किया था।तालिबान की क्रूरता आई सामने
अफगानिस्तान में तालिबान का राज स्थापित होने के बाद अत्याचार, बर्बरता और क्रूरता ही खबरें लगातार सामने आने लगी हैं। आपको बता दें कि तालिबान ने पश्चिमी अफगानिस्तान के हेरात शहर के मुख्य चौराहे में एक शव को क्रेन से लटका दिया। इसके बावजूद हिन्दुस्तान में कई लोग ऐसे हैं जो तालिबानी सरकार के साथ वार्ता के पक्षधर हैं। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार को लेकर बयान दिया है।