तकनीक के जमाने में हम सब इंटरनेट का खूब इस्तेमाल करते हैं। इंटरनेट पर हम जब भी कुछ खोलते हैं तो उसके साथ-साथ कई ऑनलाइन ऐड भी दिखाई देते हैं। ज्यादातर ऐड गूगल के ही होते हैं। वर्तमान में देखें तो गूगल ऐड की दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार, बाजार और पब्लिशर है। यही कारण है कि गूगल को ऑनलाइन ऐड की दुनिया का बेताज बादशाह भी कहा जाता है। साथ ही साथ उससे इस काम को लेकर निष्पक्षता की उम्मीद की जाती है। लेकिन अब गूगल पर ही कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। दावा किया जा रहा है कि गूगल ने अपनी मजबूत स्थिति का गलत फायदा उठाया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसको लेकर गूगल के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज हुए है। इन मुकदमों में कहा गया है कि गूगल अपने पास मौजूद सूचनाओं का इस्तेमाल करके ऑनलाइन ऐड की नीलामी में गड़बड़ करता है। आपको बता दें कि जब भी किसी ऐड की नीलामी होती है तो सबसे ऊंची बोली लगाने वाला ही इसमे जीतता है। गूगल ने इसके लिए प्रोजेक्ट बरनैंक शुरू किया था जिसकी मदद से वह ऊंची बोलिया लगा सकता था। तकरीबन 10 साल पहले भी गूगल ने ऐड के लिए सेकंड प्राइस ऑक्शन सिस्टम शुरू किया था। कहा जाता है कि भले ही इसमें ऊंची बोली लगाने वाला ही जीतता था लेकिन उसे पैसे दूसरी सबसे ऊंची बोली वाले के ही बराबर देना पड़ता था।
फिलहाल जांचकर्ताओं का आरोप है कि वह इस जानकारी का फायदा उठा रहा है। जांचकर्ताओं का यह भी आरोप है कि गूगल अपने ऐड कमीशन में रेट बदल देता है। गूगल इस बात की जानकारी पहले ही ले लेता है कि पिछले विजेता कितनी ऊंची बोली लगाने को तैयार थे। जानकारी के लिए बता दें कि अमूमन ऐड विभिन्न ऐड एक्सचेंज के जरिए ही आते हैं। गूगल का खुद का ऐड एक्सचेंज भी है। फाइनल बोली इस बात पर भी निर्भर करती है कि एड एक्सचेंज अपने पास कितना कमीशन रखता है।