By अनन्या मिश्रा | Feb 07, 2025
आज ही के दिन यानी की 07 फरवरी को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की पत्नी रमाबाई आंबेडकर का जन्म हुआ था। इनका जन्म एक गरीब दलित परिवार में हुआ था। बाबासाहेब अंबेडकर के जीवन पर रमाबाई का काफी असर पड़ा था। वह महिला सशक्तिकरण की आदर्श प्रतीक, सामाजिक समानता और सद्भाव की प्रबल पक्षधर थीं। रमाबाई अंबेडर को रमई या माता राम भी कहा जाता है। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर रमाबाई अंबेडकर के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव दाभोल में 07 फरवरी 1898 को रमाबाई अंबेडकर का जन्म हुआ था। वह एक गरीब दलित परिवार से ताल्लुक रखती थीं। इनके पिता का नाम भीकू धात्रे और माता का नाम रुक्मिणी था। रमाबाई के पिता कुली का काम करते थे। वह अपने परिवार का पालन-पोषण बड़ी मुश्किल से करते थे। वहीं रमाबाई ने बहुत जल्द अपने माता-पिता को खो दिया था। जिसके बाद उनके चाचा रमाबाई और उनके भाई-बहनों को लेकर मुंबई आ गए थे।
शादी
साल 1906 में भायखला बाजार में बाबासाहेब अंबेडकर से रमाबाई की शादी हुई। उस दौरान रमाबाई की उम्र महज 9 साल और बाबा साहेब की उम्र 15 साल थी। वह अपने पति को प्यार से साहेब कहकर बुलाती थी। वहीं अंबेडकर साहब उनको रामू कहते थे। उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर की महत्वकांक्षाओं को पूरा समर्थन दिया और विदेश में जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
बाबा साहेब की बनीं ढाल
बता दें कि जब बाबा साहेब विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे थे, तो उस दौरान रमाबाई भारत में कई कठिनाइयों का सामना कर रही थीं। लेकिन उन्होंने बाबा साहेब को अपने लक्ष्यों को पूरा करने से कभी नहीं रोका। साथ ही इन कठिनाइयों के विषय में रमाबाई ने बाबा साहेब को भनक तक नहीं लगने दी। दरअसल, इस दौरान उनको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
मृत्यु
वहीं लंबी बीमारी के बाद 26 मई 1935 को रमाबाई अंबेडकर का निधन हो गया था।