By अंकित सिंह | Jul 13, 2021
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा लाए गए जनसंख्या नियंत्रण नीति को लेकर देश की राजनीति गर्म हो गई है। इस मुद्दे को लेकर नई बहस छिड़ गई है। कई राज्यों ने इसका समर्थन किया है तो कई मुख्यमंत्रियों ने इस पर अपनी राय अलग रखी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसको लेकर अपनी राय रखी। नीतीश कुमार ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर केवल कानून बनाकर नहीं बल्कि महिलाओं को पूरी तरह शिक्षित कर प्रजनन दर को कम किया जा सकता है। इसमें किसी भी समुदाय को लेकर बातचीत न हो। हम कानून के पक्ष में नहीं हैं। अलग-अलग राज्य के लोगों की अपनी सोच है, वे अपने ढंग से जो चाहें करें।
दूसरी ओर बिहार के उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने अपने मुख्यमंत्री की राय से अलग राय रखी है। रेणु देवी और नीतीश कुमार की राय जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर अलग-अलग है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जनसंख्या नीति के ऐलान को रेणु देवी ने सराहनीय बताया है। रेणु देवी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश की तुलना में बिहार में प्रजनन दर अधिक है इसलिए यहां भी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनना चाहिए। हालांकि बाद में उन्होंने एक विज्ञप्ति जारी कर अपनी बाद रखी।
रेणु देवी ने कहा की जनसंख्या नियंत्रण के लिए पुरुषों को भी जागरूक करना ज्यादा जरूरी है। अपने बयान में रेणु देवी ने यह भी कहा कि पुरुषों के अंदर जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए नसबंदी को लेकर काफी डर की स्थिति है। बिहार के कई जिलों में तो नसबंदी की दर 1 फ़ीसदी से भी कम है। रेणु देवी ने अपने बयान में यह भी कहा कि अक्सर देखा जाता है कि बेटे की चाहत में पति और ससुराल वाले महिला पर अधिक बच्चा पैदा करने का दबाव बनाते हैं जिससे परिवार का आकार बड़ा होता जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए पुरुष और महिलाओं में भेदभाव समाप्त करने की जरूरत है।