सचिन पायलट: राजस्थान में कांग्रेस को आम जनता से जोड़ा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 14, 2018

जयपुर। पहली बार विधायक बने सचिन पायलट राजस्थान के उप मुख्यमंत्री होंगे। वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और राजनीतिक गलियारों में उन्हें इस बात का श्रेय दिया जाता है कि थार के इस राज्य में कांग्रेस पार्टी को फिर से खड़ा करने का बीड़ा जो उन्होंने पांच साल पहले उठाया था वह उसमें खरे उतरे। पायलट हालांकि इसका श्रेय पार्टी के सारे कार्यकर्ताओं व राज्य के नेताओं के सामूहिक प्रयास को देते हैं। पायलट को जनवरी 2014 में कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। पायलट को राज्य में ऐसे समय में कांग्रेस की बागडोर सौंपी गयी जबकि वह 2013 के विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना कर चुकी थी। 200 सीटों वाली विधानसभा में उसके पास केवल 21 विधायक थे। इसके बाद 2014 के आम चुनावों में भी राज्य की सारी 25 लोकसभा सीटें भाजपा के खाते में गयीं। 

 

दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई कर चुके पायलट के प्रयास इसके बाद रंग लाने लगे जब अनेक उपचुनावों में कांग्रेस ने परंपरागत प्रतिद्वंद्वी भाजपा को हराना शुरू किया। पायलट का कहना है कि उन्होंने बीते पांच साल में क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़े राज्य राजस्थान में लगभग पांच लाख किलोमीटर की दूरी सड़क मार्ग से तय की। अपनी इस यात्रा से उन्होंने गांव-गांव, ढाणी-ढाणी तक कार्यकर्ताओं में नया जोश ही नहीं फूंका, राज्य की राजनीति में हाशिए पर चली गयी कांग्रेस को एक बार फिर आम जनता से भी जोड़ दिया। दो बार के सांसद सचिन पायलट ने अपना पहला विधानसभा चुनाव इसी महीने टोंक सीट से लड़ा। मुस्लिम बहुल इस सीट पर उनका मुकाबला वसुंधरा सरकार के कद्दावर मंत्री रहे युनुस खान से था। पायलट 54179 मतों के अंतर से चुनाव जीते। 

 

यह भी पढ़ें: अशोक गहलोत होंगे राजस्थान के CM, पायलट बनेंगे डिप्टी सीएम

 

पायलट (41) कांग्रेस के पूर्व नेता राजेश पायलट के बेटे हैं। उनका जन्म सात सितंबर 1977 को हुआ। उन्होंने दिल्ली के स्टीफंस कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में बीए (आनर्स) की। स्नातक के बाद उन्होंने बीबीसी के दिल्ली ब्यूरो में इंटर्न के रूप में काम किया। वे अमेरिका के पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के वार्टन बिजनेस स्कूल में भी पढ़े और एमबीए किया। सन 2004 में वह दौसा से सांसद चुने गए और सबसे कम उम्र के सांसद बने। वह संसद की स्थायी समिति (गृह मामलात) व नागर विमानन मंत्रालय की परामर्श समिति तथा बजट आकलन समिति के सदस्य रहे। मई 2009 में वह अजमेर से सांसद चुने गए और संचार व आईटी राज्यमंत्री बने। इसके बाद 2012 में उन्हें कंपनी कार्य मंत्रालय में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। उस समय वह देश के सबसे युवा कैबिनेट मंत्री थे।

 

दो बच्चों के पिता पायलट को 2008 के विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन में यंग ग्लोबल लीडर्स का अवार्ड दिया गया। विमान उड़ाने के शौकीन पायलट ने अपना प्राइवेट पायलट लाइसेंस (पीपीएल) 1995 में अमेरिका से लिया। खेलों में उनकी गहरी रुचि है और अनेक राष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिताओं वह दिल्ली राज्य का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वह प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट हैं।

प्रमुख खबरें

विपक्ष के दक्षिण में साफ, उत्तर में हाफ वाले तंज पर नड्डा का पलटवार, बोले- ग़म भुलाने के लिए ख्याल अच्छा है...

Japan के प्रधानमंत्री Kishida ने उपचुनाव में हार के बाद पद छोड़ने से किया इनकार

जिसने बनाई पहली कोरोना वैक्सीन, उस साइंटिस्ट को भ्रष्टाटारी बता चीनी संसद से निष्कासित किया गया

Port Blair हवाई अड्डे को रात में विमान उतारने, उड़ान भरने की सुविधा मिली