By अभिनय आकाश | Jun 11, 2020
आम्रपाली केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया और अदालत ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को आम्रपाली घर खरीदारों को दिए गए कर्ज का पुनर्गठन करने को कहा है। साथ ही शेष राशि को जारी करने का निर्देश भी दिया है, जो अब तक जारी नहीं की गई।
घर खरीदारों के सारे एकाउंट एनपीए हो गए थे। जिसके कारण उनके जो बकाया या किश्त की राशि थी का भुगतान नहीं कर पा रहे थे। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ऑर्डर पास करते हुए कहा कि उनके एकाउंट एनपीए हो गए हैं लेकिन उनके जो किश्त हैं वो रिलीज करने के लिए जो भी बैंक कन्सर्न हैं उनको आदेश दिया जाए। ये रकम करीब तीन हजार दो सौ करोड़ के लगभग हैं। इस रकम के आ जाने से एनबीसीसी का जो कंस्ट्रक्शन अभी साधारण फेज पर चल रहा है, वो एक रफ्तार पकड़ लेगा।
बिल्डर को 8% से ज्यादा ब्याज नहीं देना
कोर्ट से आम्रपाली को भी राहत दी। जजों ने कहा है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी बिल्डर के ऊपर बकाया पर भारी ब्याज नहीं ले सकते। जिन किश्तों की अदायगी में देरी हुई है उसके ब्याज के तौर पर 8% से ज्यादा न लिया जाए। कोर्ट ने कहा कि जो एफएआर यानी बिना इस्तेमाल की जमीन बिकने वाली है। उसे कोर्ट से तय रिसीवर के जरिए बेचा जाए। अभी तक इस्तेमाल नहीं हुआ एफएआर 2.75% होगा।
46,000 होमबायर्स को सीधी राहत
सुप्रीम कोर्ट का दूसरा आर्डर- बहुत प्रकार के जो प्रोजेक्ट हैं, जिसके अंदर बहुत एफएआर है, नोएडा, ग्रेटर नोएडा आर्थिरिटी की तरफ से या तो वे सर्रप्लस एफएआर हैं, अनयूजड एफएआर है, सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा आर्थिरिटी को एफएआर रिलीज करने का निर्देश दिया। इस एफएआर से जो भी पैसा जेनरेट होता है, वो एनबीसीसी को दिया जाए। इस रकम के आ जाने से 44 हजार घर खरीदारों को सीधा फायदा होगा। पैसे आने के साथ एनबीसीसी जो निर्माण कार्य कर रही थी उसमें तेजी आ जाएगी।