By रेनू तिवारी | May 16, 2024
सरकारी कार्रवाई के बीच 11 मई को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। मुजफ्फराबाद और अन्य इलाकों में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाकर्मियों से झड़प हुई. निषेधाज्ञा के बावजूद, लोग कथित तौर पर विरोध करने के लिए हजारों की संख्या में बाहर आए। पीओके कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने पुलिस पर निहत्थे नागरिकों पर गोली चलाने का आरोप लगाया।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की राजधानी मुजफ्फराबाद में अर्धसैनिक रेंजर्स के साथ झड़प के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर की गई गोलीबारी में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। मंगलवार को मीडिया में आई खबर में यह जानकारी दी गई है। पीओके में गेहूं के आटे की ऊंची कीमतों और बिजली के बढ़े हुए दामों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। ‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, विवादित क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किए गए अर्धसैनिक रेंजर्स पर क्षेत्र से बाहर निकलते समय हमला हो गया। खबर में कहा गया है कि पांच ट्रकों समेत 19 वाहनों के काफिले ने खैबर पख्तूनख्वा की सीमा से लगे गांव ब्रारकोट से बाहर निकलने के बजाय कोहाला से क्षेत्र से बाहर निकलने का विकल्प चुना। खबर के अनुसार, जैसे ही काफिला आक्रोशित माहौल में मुजफ्फराबाद पहुंचा, शोरां दा नक्का गांव के पास उस पर पत्थरों से हमला किया गया, जिसका जवाब उन्होंने आंसू गैस और गोलीबारी से दिया। इसमें आगे कहा गया है कि पश्चिमी बाईपास के रास्ते शहर में प्रवेश करने के बाद, रेंजर्स पर फिर से पथराव हुआ, जिसके चलते उन्हें आंसूगैस और गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा। गोलाबारी इतनी भीषण थी कि पूरा इलाका दहल उठा। खबर के अनुसार, 40 किलोग्राम आटे की सब्सिडी दर 3,100 पाकिस्तानी रुपये से कम करके 2,000 पाकिस्तानी रुपये कर दी गई है। खबर के अनुसार 100, 300 और 300 यूनिट से अधिक के लिए बिजली के दाम बढ़ाकर क्रमश: 3 रुपये, 5 रुपये और 6 रुपये प्रति यूनिट कर दिए गए हैं।
पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि पीओके में 10 मई के आसपास भड़के हिंसक सड़क विरोध प्रदर्शन में 90 से अधिक लोग घायल हुए हैं। पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए बिजली और गेहूं सब्सिडी के लिए पीओके को 23 अरब रुपये जारी करने की मंजूरी दे दी।
मुजफ्फराबाद के संभागीय आयुक्त सरदार अदनान खुर्शीद ने कहा कि रेंजर की गोलीबारी में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी और छह अन्य लोग घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों और क्षेत्रीय सरकार के बीच गतिरोध बढ़ने के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने क्षेत्र के लिए 23 अरब रुपये की सब्सिडी की तत्काल मंजूरी दी थी। खबर के मुताबिक, सब्सिडी देने का सरकार का फैसला इस क्षेत्र को शांत करने में विफल रहा। खबर के अनुसार, 40 किलोग्राम आटे की सब्सिडी दर 3,100 पाकिस्तानी रुपये से कम करके 2,000 पाकिस्तानी रुपये कर दी गई है। खबर के अनुसार 100, 300 और 300 यूनिट से अधिक के लिए बिजली के दाम घटाकर क्रमश: तीन रुपये, पांच रुपये और छह रुपये प्रति यूनिट कर दिए गए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा कि ‘पीओके भारत का हिस्सा है और हम इसे लेकर रहेंगे।’ सेराम्पोर में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद एक समय अशांत रहे कश्मीर में शांति लौट आई है, लेकिन पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर अब विरोध प्रदर्शनों और आजादी के नारों से गूंज रहा है। उन्होंने कहा, सरकार द्वारा 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद कश्मीर में शांति लौट आई है, लेकिन अब हम पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में विरोध प्रदर्शन देख रहे हैं। पहले यहां आजादी के नारे सुनाई देते थे, अब वही नारे पीओके में सुनाई देते हैं।