Maha Ashtami 2025: शारदीय महा दुर्गाष्टमी व्रत आस्था एवं मनोकामनाओं की पूर्ति का है प्रतीक

By प्रज्ञा पांडेय | Sep 27, 2025

नवरात्रि की महादुर्गाष्टमी पर मां महागौरी की पूजा अत्यंत कल्याणकारी मानी जाती है। इस दिन मां महागौरी की आराधना से मनोवांछित फल, आरोग्य और पुण्य मिलते हैं। शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी के दिन अगर भक्त के हृदय में सच्ची साधना की अभिलाषा विद्यमान हो, तो भगवती उसे जीवन के समस्त सुख-सुविधा प्रदान करती हैं तो आइए हम आपको महाष्टमी व्रत का महत्व एवं पूजा विधि के बारे में बताते हैं।


जानें शारदीय महा दुर्गाष्टमी के बारे में 

शारदीय महा दुर्गाष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है, जो आदिशक्ति का एक स्वरूप हैं। वे पवित्रता, शांति और सादगी का प्रतीक मानी जाती हैं। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां दुर्गा ने चंड, मुंड और रक्तबीज जैसे असुरों का वध किया था। वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 30 सितंबर को शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि है। इस शुभ अवसर पर देवी मां गौरी की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही मां गौरी के निमित्त व्रत रखा जाएगा। अष्टमी तिथि पर संधि पूजा भी की जाती है।

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जानें महाअष्टमी का शुभ मुहूर्त 

वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 सितंबर को शाम 04 बजकर 32 मिनट पर आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 30 सितंबर को शाम 06 बजकर 06 मिनट पर होगा। महा अष्टमी का व्रत 30 सितंबर को रखा जाएगा। 30 सितंबर को संधि पूजा संध्याकाल में 05 बजकर 42 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 30 मिनट तक है।


शारदीय महाष्टमी पर पूजा करने पर मिलता है विशेष लाभ

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां दुर्गा की पूरे मन से पूजा करने का विशेष लाभ मिलता है। अगर आप देवी की कृपा पाना चाहते हैं, तो इस दिन मां दुर्गा के 108 नामों का जप करना चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि सच्चे मन से मंत्रों का जप करने से माता रानी अपने भक्तों की हमेशा रक्षा करती हैं और जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि लाती हैं। जिससे भक्तों को आध्यात्मिक शांति और मानसिक संतुलन की प्राप्ति होती है। यह व्रत न केवल पूजा-पाठ का अवसर देता है बल्कि आस्था और मनोकामनाओं की पूर्ति का भी प्रतीक है।


शारदीय महाअष्टमी पर होती है महागौरी की पूजा

शारदीय नवरात्र की महाष्टमी के दिन नवदुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा का विधान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव की प्राप्ति के लिए इन्होंने कठोर पूजा की थी, जिससे इनका शरीर काला पड़ गया था। जब भगवान शिव ने इनको दर्शन दिया तब इनकी कृपा से इनका शरीर गौर हो गया। 


महाअष्टमी पर ये करें मिलेगा लाभ

महाअष्टमी या दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। हालांकि, इस दिन ही कई लोग हवन करके कन्या पूजन करते हैं। जिनके घर में अष्टमी पूजन किया जाता है वह सप्तमी के दिन उपवास रखकर अष्टमी में कन्या पूजन के बाद व्रत का पारण करते हैं और जिन लोगों के घर में नवमी का पूजन होता है वह अष्टमी तिथि के दिन व्रत रखकर नवमी में ही कन्या पूजन कर लेते हैं।


अष्टमी और महाअष्टमी का महत्व 

मान्यताओं के अनुसार, अष्टमी तिथि के दिन महागौरी का पूजन किया जाता है। माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तप किया था। तपस्या का दौरान मां केवल कंदमूल फल और पत्तों का आहार करती थीं। इसके बाद वह सिर्फ वायु पीकर की तप करने लगीं। उनके कठोर तप से उन्हें महान गौरव प्राप्त हुआ। इससे उनका नाम महागौरी पड़ा। माता की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें गंगा में स्नान करने के लिए कहां जिस समय माता गंगा में स्नान के लिए गई तब कठोर तपस्या के कारण उनका स्वरूप श्याम वर्ण के साथ प्रकट हुई। माता इसी के साथ कौशिकी कहलाई। फिर स्नान के बाद उनका स्वरूप उज्जवल चंद्र के समान प्रकट हुआ तो माता का यह स्वरूप महागौरी कहलाया। महासप्तमी के दिन जहां देवी की प्रतिमाओं में प्राण-प्रतिष्ठा होती है, वहीं अष्टमी पर मां महागौरी की पूजा कर व्रत रखा जाता है। शास्त्रों के अनुसार महागौरी अत्यंत गौर वर्ण वाली देवी हैं, जो सफेद वस्त्र धारण कर बैल पर सवार होती हैं। उनके चार हाथ हैं और वे त्रिशूल सहित अन्य आयुध धारण करती हैं। इस दिन स्नान, ध्यान और षोडशोपचार विधि से की गई पूजा से मां महागौरी प्रसन्न होती हैं और साधकों को सुख-समृद्धि और शांति का आशीर्वाद देती हैं।


शारदीय महाष्टमी पर भी किया जाता है कन्या पूजन 

शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजन को विशेष महत्व दिया गया है। सामान्यतः लोग सभी नौ दिनों में कन्याओं का पूजन कर सकते हैं, लेकिन अधिकांश श्रद्धालु दुर्गा अष्टमी और महानवमी पर ही इसे करते हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजन 30 सितंबर और 1 अक्तूबर को महानवमी पर किया जाएगा।


शारदीय महाष्टमी पर करें ये खास उपाय, मिलेगा लाभ

 

करियर और व्यापार में तरक्की के लिए करें महाष्टमी पर पूजा

अगर आप अपने करियर में सफलता या व्यापार में वृद्धि चाहते हैं, तो महाअष्टमी का दिन आपके लिए बेहद शुभ है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।


कपूर और लौंग से करें ये उपाय

महाअष्टमी के दिन माता रानी को कपूर और लौंग अर्पित करें। पूजा के बाद इस कपूर को जलाकर घर में घुमाएं। यह उपाय नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर आपके करियर और व्यापार में उन्नति के नए रास्ते खोलता है।


पान के पत्ते पर बनाएं स्वास्तिक

एक पान का पत्ता लें और उस पर केसर, इत्र और घी मिलाकर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। इस पत्ते पर कलावा लपेटकर एक सुपारी रखें और इसे मां दुर्गा को अर्पित करें। यह उपाय आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है और कार्यक्षेत्र में सफलता दिलाता है।


शारदीय महाष्टमी पर धन लाभ और आर्थिक तंगी दूर करने के लिए करें ये उपाय 

अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं या धन लाभ चाहते हैं, तो महाअष्टमी पर ये उपाय जरूर करें


1. चावल का दीपक का जरूर जलाएं

महाअष्टमी की रात को पूजा के बाद चावल का एक दीपक अपनी तिजोरी में रखें। यह उपाय धन को आकर्षित करता है और आपकी तिजोरी को हमेशा भरा रखता है।


2. तुलसी जी के पौधे में दें दूध का अर्घ्य

घर की सुख-समृद्धि के लिए और आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए महाअष्टमी के दिन तुलसी के पौधे को दूध का अर्घ्य दें। यह उपाय घर में धन और सकारात्मकता लाता है।


- प्रज्ञा पाण्डेय

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