By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 08, 2018
कोलंबो। श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त करने के बाद संसद भंग करने, और मध्यावधि चुनाव कराने के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के विवादित फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर निर्णय शुक्रवार को सुरक्षित रख लिया। राष्ट्रपति सिरीसेना के इन आदेशों से देश में बड़ा संवैधानिक संकट पैदा हो गया था।
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वकीलों ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने निरंतर चार दिन 13 याचिकाओं पर सुनवाई की और शुक्रवार की सुनवाई हाल के इतिहास में उच्चतम न्यायालय की सबसे लंबी सुनवाई में से एक है।
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प्रधान न्यायाधीश नलिन परेरा की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने मंगलवार से संसद भंग करने की सिरीसेना की गजट अधिसूचना के खिलाफ दायर मौलिक अधिकार संबंधी याचिकाओं पर मौखिक दलीलें सुनना शुरू किया था।