By रेनू तिवारी | Jul 03, 2025
उत्तर भारत से दिल दहला देने वाली लेकिन चिंताजनक खबर सामने आई है, एक राज्य स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी की रेबीज से मौत हो गई। उसे कथित तौर पर एक आवारा पिल्ले ने काट लिया था, जिसे उसने नाले से बचाया था। उत्तर प्रदेश के 22 वर्षीय उभरते कबड्डी खिलाड़ी बृजेश सोलंकी को मौत से कुछ दिन पहले ही रेबीज के लक्षण दिखने लगे थे। राज्य चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता और प्रो कबड्डी लीग के संभावित खिलाड़ी बृजेश को एक आवारा पिल्ले ने काट लिया था, जिसके बाद उसे एंटी-रेबीज वैक्सीन नहीं मिली थी, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। ऐसा नवीनतम रिपोर्टों में बताया गया है।
सोलंकी के परिजनों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। खुर्जा नगर कोतवाली क्षेत्र के फराना गांव के निवासी सोलंकी को दो माह पहले एक पिल्ले ने काट लिया था, लेकिन उसने इसे गंभीरता से नहीं लिया जिसके बाद 28 जून को उसकी तबीयत बिगड़ गई। सोलंकी के भाई संदीप ने बताया कि उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन काफी प्रयास के बावजूद बचाया नहीं जा सका। कबड्डी खिलाड़ी तीन भाइयों में सबसे छोटा था।
संदीप ने बताया, ‘‘करीब दो महीने पहले, एक पिल्ला नाले में फंस गया था। उसे बचाने की कोशिश में पिल्ले ने बृजेश की उंगली पर काट लिया।’’ उन्होंने बताया, ‘‘उसने (सोलंकी ने) सोचा कि यह गंभीर नहीं है और उसने एंटी-रेबीज का टीका नहीं लगवाया। बाद में अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल ने पुष्टि की कि उसे एक पागल जानवर ने काटा था, संभवतः एक बंदर या कुत्ता।’’ बृजेश उस हादसे के दौरान गांव में रह रहा था और स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण ले रहा था। अधिकारियों के अनुसार, उसकी मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर फराना गांव में 29 लोगों को एंटी-रेबीज टीके लगाए हैं।
उनकी मृत्यु के बाद, स्वास्थ्य अधिकारियों ने फराना गांव का दौरा किया और एहतियात के तौर पर कम से कम 29 लोगों को टीका लगाया। स्थानीय जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है।
ब्रजेश के कोच प्रवीण कुमार ने कहा, "वह हमारा सबसे होनहार खिलाड़ी था। उसे लगा कि उसके हाथ में दर्द नियमित कबड्डी अभ्यास की वजह से है। उसे एहसास नहीं था कि यह छोटा सा काटने का निशान कितना गंभीर हो सकता है।"
परिवार ने अब सरकार से मदद की अपील की है। संदीप ने कहा, "बृजेश घर का इकलौता कमाने वाला था। हम सरकार से अनुरोध