काबुल। तालिबान ने मंगलवार को एक बयान जारी कर अमेरिका के साथ संपर्क समाप्त करने की धमकी दी। उसकी धमकी अमेरिका के शांति दूत के अफगानिस्तान में लंबे समय से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिये देश के दौरे पर पहुंचने के बीच आई है। इससे पहले काबुल में अमेरिकी दूतावास ने कहा था कि अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत ज़लमे खलीलज़ाद भारत, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और चीन की यात्रा के बाद काबुल पहुंच गए हैं।
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खलीलज़ाद राष्ट्रपति अशरफ गनी, ‘चीफ एक्ज़ीक्यूटिव’ अब्दुल्ल्ला अब्दुल्ला और अन्य सियासी नेताओं से मिलने के लिए काबुल पहुंचे हैं। खलीलज़ाद इन नेताओं से अफगान नीत शांति प्रक्रिया को सुगम बनाने के अमेरिकी प्रयास के अगले कदमों पर चर्चा करेंगे। तालिबान अफगान सरकार के प्रतिनिधियों से सीधे मुलाकात करने से कई बार इनकार कर चुका है।
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तालिबान के बयान के मुताबिक, अमेरिका नवंबर में हुई बैठकों के दौरान दो सूत्रीय एजेंडे पर सहमत हुआ था-- जिनमें विदेशी सैनिकों की वापसी और इस बात की गारंटी शामिल थी कि अफगानिस्तान को अन्य देशों पर हमला की साजिश रचने के लिए फिर से इस्तेमाल नहीं किया जाएगा जैसे अल कायदा ने किया था। बयान में वाशिंगटन पर एजेंडे का विस्तार करने का आरोप लगाया गया है।