By अंकित सिंह | Nov 28, 2018
उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को बिहार के कई आश्रय गृहों में रहने वाले लड़के लड़कियों के शारीरिक और यौन दुर्व्यवहार के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट में बिहार के 17 आश्रय गृहों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई थी, सीबीआई को इसकी जरूर जांच करनी चाहिए।
न्यायालय ने आश्रम गृहों की जांच सीबीआई को नहीं सौंपने का बिहार सरकार का अनुरोध ठुकरा दिया है। सीबीआई ने न्यायालय से कहा कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में सात दिसंबर तक आरोपपत्र दाखिल कर दिया जायेगा। न्यायालय ने कहा बिहार में आश्रय गृह की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों का तबादला बिना उसकी (न्यायालय) पूर्व अनुमति के नहीं किया जाए।
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इससे पहले कल उच्चतम न्यायालय ने बिहार के कई आश्रय गृहों में बच्चों के शारीरिक और यौन शोषण के आरोपों के बावजूद उचित कार्रवाई नहीं करने पर राज्य सरकार के आचरण को मंगलवार को ‘बहुत ही शर्मनाक’ और ‘अमानवीय’ करार दिया था। न्यायालय ने ऐसे मामलों में केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की हिमायत की थी।