इतिहास रचने वाली पी वी सिंधू ने जीत की खुशी को किया ऐसे बयां..

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 26, 2019

बासेल। दो बार की रजत पदक विजेता पी वी सिंधू रविवार को आखिर में जब विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहीं तो उनके पास अपनी खुशी बयां करने के लिये शब्द नहीं थे। सिंधू विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय हैं। उन्होंने एकतरफा फाइनल में अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को 21-7, 21-7 से हराया। ठीक दो साल पहले ओकुहारा ने 110 मिनट तक चले बैडमिंटन के ऐतिहासिक मुकाबलों में से एक में सिंधू की स्वर्ण जीतने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था, लेकिन सिंधू आखिर में उसका बदला चुकता करने में सफल रही। 

इसे भी पढ़ें: ओड़िशा के CM नवीन पटनायक ने ऐतिहासिक जीत पर पीवी सिंधु को दी बधाई

सिंधू ने बाद में पत्रकारों से कहा कि मैं वास्तव में बहुत खुश हूं। मुझे इस जीत का इंतजार था और आखिर में मैं विश्व चैंपियन बन गयी। उन्होंने कहा कि मेरे पास कहने के लिये शब्द नहीं है क्योंकि मैं मैंने लंबा इंतजार किया। पिछली बार मैंने रजत पदक जीता, उससे पहले भी मुझे रजत पदक से संतोष करना पड़ा था और आखिर में मैं विश्व चैंपियन बन गयी। मैं वास्तव में बहुत खुश हूं। मैं लंबे समय से इसकी उम्मीद लगाये बैठी थी और आखिर में मैंने इसे हासिल किया और मैं इसका लुत्फ उठाना चाहती हूं। इसको महसूस करना चाहती हूं। सिंधू का यह विश्व चैंपियनशिप में पांचवां पदक है और इस तरह से महिला एकल में उन्होंने चीन की पूर्व ओलंपिक और विश्व चैंपियन झांग निंग की बराबरी की। सिंधू ने इससे पहले लगातार दो रजत और दो कांस्य पदक जीते थे। 

इसे भी पढ़ें: अमिताभ बच्चन की प्रॉपर्टी के होंगे दो हिस्से, पर किसके लिये?

सिंधू ने रियो ओलंपिक खेल 2016 में भी रजत पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था। वह पिछले साल विश्व टूर फाइनल्स में भी उप विजेता रही थी। सिंधू ने इस जीत का श्रेय अपने कोचों को दिया और इसे अपनी मां पी विजया को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि मेरे कोचों गोपी सर (पुलेला गोपीचंद) और किम (जी ह्यून) को काफी श्रेय जाता। मेरे माता पिता, सहयोगी स्टाफ ओर प्रायोजकों को भी श्रेय जाता है जिन्होंने मुझ पर विश्वास दिखाया। 

इसे भी पढ़ें: सिंधू को शानदार जीत पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत अन्य नेताओं ने दी बधाई

सिंधू ने कहा कि मैं यह जीत अपनी मां को समर्पित करती हूं। आज उनका जन्मदिन है। मैं उन्हें कोई उपहार देने के बारे में सोच रही थी और आखिर में मैं उन्हें यह स्वर्ण पदक उपहार में देती हूं। अपने माता पिता के कारण ही मैं आज यहां तक पहुंच पायी हूं। जब सेंट जाकोबशेल स्टेडियम में भी भारतीय राष्ट्रगान बज रहा था तो सिंधू नम आंखों से पोडियम पर खड़ी थी। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में विशेष क्षण था जब तिरंगा लहराया जा रहा था और राष्ट्रगान बज रहा था। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। मेरे पास बयां करने के लिये शब्द नहीं है क्योंकि आप अपने देश के लिये खेलते हो और यह निश्चित तौर पर मेरे लिये गौरवशाली क्षण है।

इसे भी पढ़ें: विश्व चैंपियन बनकर सिंधू ने रचा इतिहास, फाइनल में ओकुहारा को हराया

सिंधू ने कहा कि उन्होंने फाइनल को किसी अन्य मैच की तरह ही लिया जिससे उन पर से दबाव हट गया और वह अपना सर्वश्रेष्ठ देने में सफल रही। उन्होंने कहा कि मैंने केवल अपने मैच पर ध्यान केंद्रित किया और यह नहीं सोचा कि यह फाइनल है। मैं केवल यह सोच रही थी कि यह अन्य मैच की तरह ही है जैसे कि मैं सेमीफाइनल और क्वार्टर फाइनल में खेली। मैंने यही तरीका अपनाया और अपना शत प्रतिशत दिया। जीत और हार बाद की बात है। मेरे लिये कोर्ट पर उतरकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण है।

 

प्रमुख खबरें

Dhoni मेरे क्रिकेट करियर में पिता जैसी भूमिका निभा रहे हैं, उनकी सलाह से लाभ मिलता है: Pathirana

Adani समूह की कंपनी APSEZ की Philippines में बंदरगाह बनाने की योजना

Kotak Bank का शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में 25 प्रतिशत बढ़कर 5,302 करोड़ रुपये रहा

Jammu and Kashmir: पुंछ में एयरफोर्स के काफिले पर आतंकी हमला, कई जवानों के घायल होने की आशंका