चिंता जाहिर करने के लिए कांग्रेस में नहीं है कोई प्लेटफॉर्म, संजय झा बोले- पार्टी अपना लोकतंत्र मजबूत करे

By अनुराग गुप्ता | Jun 24, 2020

मुंबई। कांग्रेस नेता संजय झा को हाल ही में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से हटा दिया गया। क्योंकि उन्होंने एक कांग्रेस के आंतरिक मसलों को उजागर करते हुए लिखा था। जिसकी वजह से आला नेतृत्व उनसे खफा हो गया और फिर उन्हें प्रवक्ता पद से हटा दिया गया। संजय झा का मानना है कि कांग्रेस ही एकलौती पार्टी है जो सबको एकसाथ एकजुट करके चल सकती है। जब संजय झा पार्टी में नहीं थे तब भी कांग्रेस को मजबूत बनाने का प्रयास किया करते थे। नवभारत टाइम्स को दिए इंटरव्यू में संजय झा ने कहा कि 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले सोनिया गांधी से मुलाकात हुई थी और मैं पर्दे के पीछे रहकर पार्टी के लिए काम किया करता था।

हाल ही में पार्टी नेताओं की आलोचना सहने वाले झा बताते है कि उन्होंने ही साल 2012 में कांग्रेस को सोशल प्लेटफॉर्म पर लाने का काम किया था। हालांकि 2013 में संजय झा को कांग्रेस का प्रवक्ता बना दिया गया था और इसी के साथ औपचारिक तौर पर कांग्रेस के साथ उनके सफर की शुरूआत हुई। 

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संजय झा द्वारा पार्टी के कामकाज और आंतरिक मुद्दों पर सवाल खड़ा किए जाने के बाद अजय माकन ने उन्हें घेरने का प्रयास करते हुए कहा था कि कांग्रेस के भीतर चर्चा में कोई कमी नहीं है। लेकिन इंटरव्यू में संजय झा ने बताया कि पार्टी में ऐसा कोई प्लेटफॉर्म है ही नहीं जहां पर चिंता जाहिर की जा सकती हो। इतना ही नहीं उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि मेरी पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं से बात होती है और वो भी मौजूदा समय से निराश हैं मगर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं।

प्रियंका के भीतर है नेतृत्व की क्षमता

कांग्रेस नेताओं द्वारा पार्टी के आंतरिक मसलों पर सवाल खड़ा किया जाना आला नेतृत्व के लिए चिंता का विषय होना चाहिए और उन्हें इस दिशा की तरफ काम करना चाहिए। ताकि कार्यकर्ता और नेता संगठन को मजबूत करने का काम करें। मगर कांग्रेस पार्टी ने तो उल्टा संजय झा प्रवक्ता पद से ही हटा दिया। इंटरव्यू के एक हिस्से में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का भी जिक्र किया गया है। संजय झा से पत्रकार ने पूछा कि क्या सोनिया और राहुल के बीच नेता बंटे हुए हैं तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मगर प्रियंका गांधी को अच्छे नेतृत्वकर्ता की तरह जरूर पेश किया। उन्होंने प्रियंका के मसले पर कहा कि उनमें नेतृत्व क्षमता दिखाई देती है। प्रियंका जब लोगों से मिलती हैं तो एक तरह का रिश्ता कायम कर लेती हैं। इतना ही नहीं संजय झा को लगता है कि प्रियंका के भीतर सबको साथ लेकर चलने की क्षमता है। 

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जब संजय झा को पार्टी प्रवक्ता पद से हटा दिया गया और कांग्रेस नेता उन पर हमलावर हो गए तो ऐसे सवाल भी उठने लगे कि क्या संजय झा अब कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ देंगे ? उस कांग्रेस का साथ जिसको उन्होंने पर्दे के पीछे से मजबूत बनाने का प्रयास किया है। इस पर उन्होंने पार्टी को लोकतंत्र मजबूत करने की नसीहत दे डाली है।

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