कोरोना वायरस पर काबू पाना है तो अपनाना पड़ेगा दक्षिण कोरिया का ये प्लान

By अनुराग गुप्ता | Mar 27, 2020

नयी दिल्ली। कोरोना  वायरस जैसी महामारी से निपटने का इलाज अगर किसी के पास है तो वह सिर्फ और सिर्फ दक्षिण कोरिया के पास। हालांकि चीन के अलावा दक्षिण कोरिया ही इकलौता ऐसा देश है जिसने बड़ी तेजी से कोरोना वायरस पर काबू पाया है। जबकि अमेरिका, इटली, स्पेन जैसी स्वास्थ्य सेवाएं दक्षिण कोरिया के पास उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में तमाम देशों को दक्षिण कोरिया से सीख लेते हुए कोरोना को हराया होगा। इससे बचाव के लिए दक्षिण कोरिया ने लॉकडाउन नहीं किया। लोगों पर प्रतिबंध नहीं लगाया बल्कि अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को दुरस्त करते हुए कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या पर काबू पाया।

दक्षिण कोरिया के अलावा चीन ने भी कोरोना पर काबू पा लिया है और इसके लिए तो चीन ने लोगों की आवाजाही के साथ ही साथ लोगों के बोलने पर भी प्रतिबंध लगाया दिया है। मगर दक्षिण कोरिया ने ऐसा कुछ भी नहीं किया।

आइए जानते हैं दक्षिण कोरिया ने ऐसा क्या किया कि अभी तक यहां पर लॉकडाउन की स्थिति पैदा नहीं हुई। 

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तेजी से तैयार हो रही कोरोना वायरस जांच किट

दक्षिण कोरिया में जनवरी में ही पहला मामला सामने आ गया है और वहां की सरकार ने इस मामले की अनदेखी न करते हुए तुरंत ही एक्शन लिया। आपात बैठक बुलाई गई और स्वास्थ्य अधिकारियों और कई मेडिकल कम्पनियों के प्रतिनिधियों से इस विषय पर चर्चा हुई। जिसके बाद तुरंत ही कोरोना वायरस जांच किट तैयार किए जाने लगे।

जब दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस पॉजिटिव केस का आंकड़ा दहाई पार करने वाले थे उस समय तक उन्होंने हजारों किट तैयार कर ली थी। इतना ही नहीं अब दक्षिण कोरिया इस किट को निर्यात करने के लिए बातचीत कर रही है। 

न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक दक्षिण कोरिया के उपस्वास्थ्य मंत्री किम गंग-लिप ने कहा कि वायरस से बचने के लिए लॉकडाउन का पुराना तरीका प्रभावशाली नहीं है और यह वायरस को तेजी से नहीं रोक सकता है। मतलब साफ है कि जब स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त नहीं होगी तब तक हम इस वायरस से पार नहीं पा पाएंगे। 

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3 लाख से ज्यादा लोगों की हुई जांच

जब हम जांच व्यवस्था की तरफ देखते है तो दक्षिण कोरिया की व्यवस्था सबसे उत्तम नजर आती है और अभी तक तमाम देशों से सबसे ज्यादा ज्यादा इसी देश ने की है। तकरीबन 3 लाख से अधिक लोगों की जांच कर दक्षिण कोरिया ने संदिग्धों को अलग-थलग कर दिया है। 

इतना ही नहीं अस्पतालों में भीड़ न बढ़े इसके लिए अलग से 600 जांच केंद्र शुरू किए हैं। जो सार्वजनिक स्थानों पर मौजूद हैं। यहां तक गाड़ियों से उतरे बिना ही व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमण की जांच करा सकता है और उसका परिणाम एक घंटे में आ जाता है। 

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दक्षिण कोरिया सरकार जागरुकता अभियान भी चला रही है और वह सार्वजनिक मंचों से लगातार यह अपील कर रही है कि आप सब कोरोना वायरस के जांच का हिस्सा बने।

हर स्थान पर लगे थर्मल स्क्रैनिंग कैमरा

दक्षिण कोरिया की सरकार ने संक्रमण को जांचने के लिए बड़ी-बड़ी इमारतों, होटलों, सरकारी कार्यालय, पार्किंग समेत कई स्थानों पर थर्मल स्क्रैनिंग कैमरा लगाए हैं। जिससे बुखार से पीड़ित व्यक्ति की जानकारी उन्हें तुरंत मिल जाती है और फिर उन्हें अलग करके उनका टेस्ट किया जाता है।

आवाजाही की निकाली जाती पूरी रिपोर्ट

इसके अलावा अगर स्वास्थ्यकर्मियों को किसी व्यक्ति पर संदेह हुआ तो वह उस व्यक्ति की आवाजाही का पूरा डेटा एकत्रित करते है। मतलब कि वह व्यक्ति किस-किस स्थान पर गया। किन लोगों से मिला और कहां ठहरा था इत्यादि। इसके बाद उन स्थानों को सेनिटाइज किया जाता है और वहां के लोगों की जांच होती है। इस व्यवस्था को दक्षिण कोरिया ने साल 2015 में भी अपनाया था, जब मर्स नामक वायरस का कहर वहां बरसा था। 

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तमाम तरह की व्यवस्था उपलब्ध होने की वजह से यदि कोई संक्रमित व्यक्ति शहर में प्रवेश किया तो स्वास्थ्य अधिकारियों को मोबाइल फोन बाइब्रेट होने लगता है। मतलब साफ है कि दक्षिण कोरिया ने इसके लिए तकनीक का सहारा लिया और ऐप बनाया। जहां पर उन्हें कभी-कभी पल-पल की जानकारी मिलती रहती है।

दक्षिण कोरिया में तेजी से घट रहे मामले

देश में इस घातक वायरस से अब तक 129 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमित लोगों की संख्या 9,037 पर पहुंच गई है। जबकि 3500 से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अगर हम गंभीर मामलों की बात करें तो सिर्फ 59 मरीज हैं।

दक्षिण कोरिया के रोग नियंत्रण एवं बचाव केद्र ने बताया था अब तक 171 मामले ऐसे हैं जो विदेश से संक्रमण लेकर देश आए हैं। करीब 7,700 मामले दक्षिणपूर्वी शहर दाएगू और पड़ोस के इलाकों से सामने आए हैं जहां हजारों संक्रमित लोग रहस्यमयी चर्च संप्रदाय से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। जांच द्वारा चिंहित किए जाने के बाद कोरोना से संक्रमित लोगों का इलाज हो रहा है और वह तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। 

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इतना ही नहीं संक्रमित व्यक्ति को सरकार द्वारा जारी किया गया एक ऐप अपने मोबाइल में डालना पड़ता है। जिसके उस व्यक्ति से जुड़ी हुई तमाम जानकारियां स्वास्थ्य अधिकारी को मिलती रहती है। अगर संक्रमित व्यक्ति कहीं इधर-उधर जाता है तो उस पर 2500 डॉलर का जुर्माना भी लगाया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने की तारीफ

दक्षिण कोरिया द्वारा तेजी से इस वायरस से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहना की और दूसरे देशों को सीख लेने के लिए भी कहा है। इतना ही नहीं फ्रांस और स्वीडन के राष्ट्राध्यक्षों ने दक्षिण कोरिया से मदद भी मांगी है। 

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क्या कर रहा है भारत

भारत द्वारा उठाए जा रहे कदमों की भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सराहना की है। इतना ही नहीं संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए भारत सरकार ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है और देशवासियों को परेशानी न हो इसके लिए भारत सरकार हर जरूरी सामानों को उपलब्ध करा रही है। साथ ही साथ कई राज्यों में तो होम डिलीवरी की सुविधा भी शुरू कर दी गई है।

लेकिन जब हम दक्षिण कोरिया से भारत की तुलना करते हैं तो पाते है कि भारत सरकार ने ज्यादा टेस्ट नहीं किए है। एक अंग्रेजी वेबसाइट पर छपे लेख के मुताबिक अगर देश की सभी लैब रोजाना अपनी अधिकतम संख्या यानी की 6,000 लोगों का टेस्ट करें तो चार हफ्तों में ही जांच किट समाप्त हो जाएगी। हालांकि हेल्‍पलाइन नंबर 011-2397 8046 पर संपर्क कर कोरोना से जुड़ी हुई जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

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