By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 05, 2022
शाह ने आश्चर्य व्यक्त किया कि यदि भारत अपनी भाषाओं, संस्कृति और इतिहास की रक्षा करने में विफल रहता है तो क्या वह स्वराज के सच्चे आदर्शों को प्राप्त करने का दावा कर सकता है। शाह ने कहा, ‘‘स्वराज का वास्तविक अर्थ भारत को उसी तरह चलाना है जिस तरह से भारतीय इसे चलाना चाहते हैं। इसमें हमारी अपनी भाषाएं, हमारा धर्म, हमारी संस्कृति और हमारी कलाएं भी शामिल हैं।’’ इस समारोह में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, राज्य मंत्री एल मुरुगन और अन्य संसद सदस्य उपस्थित थे। शाह ने कहा कि आजादी के बाद से भारत का प्रशासन अच्छा रहा है और कई उपलब्धियां हासिल की हैं। शाह ने कहा, ‘‘जिन्होंने हम पर शासन किया, उन्होंने हमारी सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों को नष्ट कर दिया। वे जानते थे कि वे हम पर तभी शासन कर सकते हैं, जब वे हमारे भीतर एक हीन भावना पैदा करने में सफल हों, क्योंकि हम हर मामले में उनसे आगे थे।’’
उन्होंने कहा कि विदेशी शासकों ने एक मिथक गढ़ा कि भारतीय अनपढ़ थे, लेकिन उन्होंने पूछा कि जिस देश ने दुनिया को गीता और वेद दिया, शून्य दिया, खगोल विज्ञान दिया, वहां के लोग अनपढ़ कैसे हो सकते हैं? अपने संक्षिप्त संबोधन में, ठाकुर ने शाह को एक कुशल रणनीतिकार और आधुनिक युग का चाणक्य बताया , जिन्होंने अनुच्छेद 370 और 35ए से छुटकारा पाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कदम उठाने की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया। ठाकुर ने कहा, ‘‘हमने सुना है कि सरदार पटेल ने भारत को एकीकृत किया था। मुझे अमित शाह में सरदार पटेल का प्रतिबिंब दिखाई देता है। पटेल ने देश को एकजुट किया और अमित शाह इसे मजबूत बना रहे हैं।