By Prabhasakshi News Desk | Mar 08, 2025
आज यानी कि 8 मार्च को पूरी दुनिया विमेंस डे मनाती है। महिलाओं के लिए यह दिन काफी स्पेशल होता है। यह दिन उनके समान अधिकार और बराबरी को बढ़ावा देता है। उनकी उपलब्धियां बताता है और विमेन एम्पॉवरमेंट को बढ़ावा देता है। इस दिन महिलाओं से जुड़े हर मुद्दे पर खुलकर बात की जाती है। दुनिया के सभी विकसित और विकासशील देशों में महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक तौर से सशक्त बनाने पर जोर दिया जाता है। महिला दिवस के इस खास मौके पर चलिए जानते हैं इस दिन को मनाने की वजह, इतिहास और इस साल की थीम।
कब हुई विमेंस डे की शुरुआत ?
साल 1975 में यूनाइटेड नेशंस ने अंतर्राष्ट्रीय विमेंस ईयर मनाते हुए पहली बार इंटरनेशनल विमेंस डे भी मनाया था। 2 साल बाद 1977 में यूएन जनरल असेंबली ने सभी सदस्य देशों को बुलाकर 8 मार्च को महिला अधिकार दिवस घोषित किया। हालांकि, इसका इतिहास काफी पुराना है। अमेरिकी सोशलिस्ट पार्टी ने सबसे पहले महिला दिवस इसे 28 फरवरी, 1909 को मनाया था।
दिलचस्प है 8 मार्च की कहानी
साल 1909 के बाद महिला दिवस हर साल फरवरी के आखिरी रविवार को मनाया जाने लगा। सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपनेहेगन के सम्मेलन में इसे 1910 में इंटरनेशनल का दर्जा दिया गया। उस समय इसका मकसद महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलाना था। 1917 में रूस में महिलाओं ने ऐतिहासिक हड़ताल की। जिसकी वजह से जार ने सत्ता छोड़ी और महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला। उस समय रूस में जुलियन कैलेंडर चलता था। जबकि दुनिया के दूसरे देशों में ग्रेगरियन कैलेंडर। इन दोनों कैलेंडरों की तारीख में काफी अंतर था। जुलियन कैलेंडर के अनुसार, 1917 की फरवरी का आखिरी संडे 23 फरवरी को था और ग्रेगेरियन कैलेंडर में यही दिन 8 मार्च को।
इंटरनेशनल विमेंस डे का इतिहास
कई खबरों के मुताबिक, अमेरिका और यूरोप में श्रमिकों के आंदोलन के बीच 20वीं सदी में इंटरनेशनल वुमन्स डे का जन्म हुआ था। हालांकि, इस दिन को मान्यता काफी सालों बाद मिली। महिलाओं ने आंदोलन में मांग रखी कि उनके काम करने के घंटों की एक समय सीमा तय होनी चाहिए। रूस में महिलाओं ने पहले वर्ल्ड वॉर का विरोध करते हुए इस दिन को मनाया। इस दिन के लिए महिलाओं ने मर्द और औरतों के अधिकारों के बीच के अंतर के खिलाफ आवाज उठाई थी।
जानिए विमेंस डे का महत्व और इस साल की थीम
इंटरनेशनल वुमन्स डे के माध्यम से लोगों को महिलाओं के संघर्ष के प्रति जागरूक किया जाता है। यह दिन महिलाओं के खिलाफ गलत व्यवहार, समाज में उनकी भूमिका और उनके अधिकारों के प्रति अवेयर करता है। क्योंकि आज भी जब दुनिया 21वीं सदी में है, तब भी ज्यादातर महिलाओं को पुरुषों के फैसलों पर निर्भर रहना पड़ता है। अंतर्राष्ट्रीय दिवस की थीम पहली बार 1996 में रखी गई। तब से हर साल एक खास थीम रखी जाती है। इस बार 2025 में इंटरनेशनल विमेंट डे की थीम 'Accelerate Action' है। यह थीम महिलाओं को समानता देने में तेजी लाने पर फोकस करना है। इस थीम के जरिए महिलाओं की बराबरी में बाधा जाने वाले सिस्टम को खत्म करने की कोशिशों को तेज करना है।