By अनुराग गुप्ता | Sep 28, 2021
वॉशिंगटन। अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने सांसदों के तीखे सवालों का सामना किया। इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के संदर्भ में जानकारी दी। मार्क मिले ने कहा कि मेरी निष्ठा इस देश, लोगों और संविधान के प्रति है और आखिरी सांस मेरी निष्ठा ऐसी ही रहेगी।
उन्होंने कहा कि मैं दृढ़ता से इस गणतंत्र के लिए आवश्यक बुनियादी सिद्धांत के रूप में सेना के नागरिक नियंत्रण में विश्वास करता हूं और मैं यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं कि सेना घरेलू राजनीति से दूर रहे।
इसी बीच रक्षा सचिव लॉयड जे. ऑस्टिन ने कहा कि अप्रैल के बाद जो निर्णयों, नीतियों पर बदलाव हुआ है उस पर चर्चा की जा सकती है। लॉयड जे. ऑस्टिन ने कहा कि हम इस पर बहस कर सकते हैं कि ऐसा क्या हुआ कि 20 साल तक चला लंबा युद्ध समाप्त हो गया।
वहीं उन्होंने आगे कहा कि अफगानिस्तान पर जिस तरह से तालिबान ने कब्जा किया वह आश्यचर्यचकित कर देने वाल था। लॉयड जे. आस्टिन ने जुलाई की शुरुआत में अफगानिस्तान में सेना के मुख्य केंद्र बगराम एयरबेस को बंद करने के बाइडन प्रशासन के फैसले का बचाव किया।
उन्होंने कहा कि काबुल हवाईअड्डे को बचाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसके अलावा हमने सोचा था कि अफगानी सेना अपनी लड़ाई खुद लड़ेगी लेकिन वो ऐसा नहीं कर सके। इस दौरान जनरल मार्क मिले से ट्रंप कार्यकाल के दौरान के फैसलों पर भी सवाल पूछे गए।
गौरतलब है कि अमेरिकी सेना की वापसी के ऐलान के साथ ही तालिबान ने अफगानिस्तान पर पैर पसारना शुरू कर दिया था। इसी बीच 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर अपना कब्जा कर लिया। जिसकी वजह से अमेरिकी समर्थित अशरफ गनी सरकार गिर गई और फिर तालिबान ने वहां पर सरकार का गठन किया।