By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 26, 2021
टोरंटो। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने शुक्रवार को कहा कि कनाडा के लोग लंबे समय तक चली सरकार की उस नीति से “भयभीत और शर्मिंदा” हैं जिसके तहत मूलनिवासियों के बच्चों को उन बोर्डिंग स्कूलों में भेजा गया था जहां सैकड़ों अनाम कब्रें पाई गई हैं। मूलनिवासियों के नेताओं ने इस सप्ताह कहा था कि ‘मैरीवल इंडियन रेसिडेंशियल’ स्कूल में 600 से ज्यादा अवशेष पाए गए हैं। सैसकैचवान प्रांत में स्थित यह स्कूल 1899 से 1997 तक संचालित हुआ। पिछले महीने ब्रिटिश कोलंबिया में ऐसे ही एक स्कूल में 215 अवशेष पाए गए थे।
मूलनिवासियों के बच्चों को सरकारी ईसाई स्कूलों में जाने के लिए मजबूर किया जाता था। रोमन कैथोलिक मिशनरियों द्वारा चलाये जाने वाले इन स्कूलों में 19वींशताब्दी से 1970 के दशक तक 1,50,000 बच्चों को भेजा गया था। सरकार ने माना है कि इन स्कूलों में बच्चों के साथ मारपीट और यौन शोषण होता था। यहां तक कि जो बच्चे अपनी मातृमें बोलते थे उन्हें पीटा जाता था। उस कालखंड में हजारों बच्चों की बीमारी तथा अन्य कारणों से मौत हो गई थी। ट्रुडो ने कहा, “वह एक दर्दनाक सरकारी नीति थी जो कई दशकों तक कनाडा की सच्चाई थी और आज कनाडा के लोग इससे भयभीत और शर्मिंदा हैं कि हमारे देश में ऐसा होता था।